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14 Mar 2025, Fri

35 लाख रुपए का मामला खोल रहा नए-नए राज-लालचंद एक्‍सचेंज का मालिक है सतीश सनपाल

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जबलपुर। एसटीएफ द्वारा जप्त किए गए 35 लाख रुपए का मामला घड़ी की सुई के जैसे नए नए राज खोल रहा है। अब यह पता चला है कि फरार हितेश तोरवानी लालचंद एसचेंज के मालिक सतीश सनपाल का कर्मचारी है। लालचंद
एक्‍सचेंज में सदस्य बनने एडवांस में 20 लाख रुपए जमा किए जाते हैं। वहीं दूसरी ओर शहर के ऐसे बहुत सफेदपोश हैं जो जुआ खेलने के लिए नेपाल भी जाते हैं। इनकी जेब जार्जिया जाने की इजाजत नहीं देती। 

यह भी यह भी जानकारी मिली है की प्रकरण में जिस हितेश तोरवानी का नाम आया है वह सतीश सनपाल की कंपनी में मैनेजर है और सतीश समानांतर क्रिकेट सट्टे जिसका नाम लालचंद एक्सचेंज एक्सचेंज  संचालित कर आईडी विभिन्न व्यक्तियों को देता है जिनसे भारी रकम वसूली जाती है।

एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक अरूण मिश्रा के मुताबिक एक्सचेंज का नाम लालचंद एक्सचेंज है और इसका सदस्य बनने के लिए भारी रकम एडवांस में ली जाती है। फिर एक प्लास्टिकनुमा कूपन मिलता है एवं क्रिकेट के सट्टे का बुकी बन सकता है। सतीश सनपाल का जाल मध्यप्रदेश विदर्भ एवं नई दिल्ली तक फैला हुआ है। सतीश सनपाल क्रिकेट सट्टे के खिलाड़ियों से एडवांस में चेक भी लेता है एवं चेक बाउंस हो जाने पर ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध चेक बाउंस का मुकदमा भी दर्ज कराता है।

एसटीएफ यह जानकारी भी ले रही है कि विगत वर्षों में सतीश सनपाल द्वारा कितने व्यक्तियों के विरूद्ध चेक बाउंस के मामले दर्ज कराए हैं और ऐसे व्यक्तियों द्वारा किस उद्देश्य हेतु ये चेक दिए गए थे। पता चला कि शहडोल से खाली जेब जबलपुर पहुंचा मास्टरमाइंड ऐसा जाल बिछाया था कि व देखते ही देखते जबलपुर के धनाढ्य सूची के वर्ग में आ गया था।

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वहीं कई सफेदपोशों एवं बिल्डरों के पैसे भी इसके काम में लगे थे। वहीं काफी माल आ जाने के बाद यह सूत्रों ने बताया है कि उसने इंग्लैड की नागरिकता ले ली है। जिसमें भारतीय रूपए में 8 करोड़ 35 लाख रूपए का खर्चा आता है। एसटीएफ इस प्रकरण में यह भी जांच कर रही है कि इतने कम समय में कैसे सतीश सनपाल ने करोड़ों रूपए का मायाजाल इकट्ठा कर लिया और इस संबंध में उसके सभी वैध और अवैध धंधों की जांच की जा रही है। एसटीएफ सूत्रों की मानें तो यह जांच लंबी चलेगी और इस जांच में कस्टम, आयकर विभाग, ईडी एवं इंटरपोल की मदद ली जा रही है। सीधे पुलिस मुख्यालय से नियंत्रित होगी। इस पूरे घटनाक्रम के बीच यह भी पता चला है कि जबलपुर में जुए में न पकड़े जाएं ऐसे सफेदपोश लोग जुआ खेलने एवं अपने शौक पूरे करने में नेपाल जाते हैं इसकी भी फेहरिस्त पुलिस पता कर रही है। 

 

 

By Ashutosh shukla

30 वर्षों से निरन्तर सकारात्मक पत्रकारिता, संपादक यशभारत डॉट काम

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