ढूंढते रह जाओगे 10, 20, 50 रुपये के नोट, यूपीआई और डिजिटलं ट्रांजेक्शन के चलते हुआ ऐसा
ढूंढते रह जाओगे 10, 20, 50 रुपये के नोट, यूपीआई और डिजिटलं ट्रांजेक्शन के चलते हुआ ऐसा

नई दिल्ली। ढूंढते रह जाओगे 10, 20, 50 रुपये के नोट, यूपीआई और डिजिटलं ट्रांजेक्शन के चलते ऐसा हुआ। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर 10, 20 और 50 रुपये के नोटों की कमी का मुद्दा उठाया है। टैगोर ने कहा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यूपीआई और डिजिटल ट्रांजेक्शन को प्रमोट करने के लिए इन नोटों की छपाई बंद कर दी है, जिससे ग्रामीण और शहरी इलाकों में गरीबों को काफी दिक्कत हो रही है।
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क्या कहा टैगोर ने?
टैगोर ने कहा, “मार्केट में इन नोटों की भारी कमी है। इसकी वजह से ग्रामीण और शहरी इलाकों में गरीबों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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क्या है आरबीआई का तर्क?
आरबीआई को नोट छापना महंगा पड़ता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 10 रुपये के 1000 के नोट छापने का खर्च 960 रुपये आता है। वहीं, 20 रुपये के 1000 के नोट छापने का खर्च 950 रुपये आता है।
क्या है मांग?
टैगोर ने वित्त मंत्री से रिक्वेस्ट किया है कि वे आरबीआई को इन नोटों की छपाई के लिए निर्देश करें जिससे यह करेंसी मार्केट में आसानी से उपलब्ध हो।