चैत्र नवरात्र छपरवाह 2025 : नवरात्र पर छपरवाह में शुरू हुआ साप्ताहिक ज्ञान यज्ञ व देवी आराधना, एक साथ दो धार्मिक आयोजनों से धर्ममय हुआ क्षेत्र का माहौल
छपरवाह में चैत्र नवरात्र पर्व की धूम, श्री दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में ज्ञान महायज्ञ और देवी मंदिर में भक्तिभाव से हो रही मां दुर्गा की आराधना

चैत्र नवरात्र छपरवाह 2025 कटनी। उपनगरीय क्षेत्र छपरवाह में चैत्र नवरात्र पर्व पर धर्म की बयार बह रही है। यहां जहां एक ओर प्रतिवर्षानुसार क्षेत्र के बर्मन मोहल्ला स्थित देवी मंदिर में चैत्र नवरात्र पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है तो दूसरी तरफ क्षेत्र के प्रसिद्ध श्री श्री 1008 श्री दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में चैत्र नवरात्र पर्व की बैठकी से साप्ताहिक ज्ञान महायज्ञ का भी शुभारंभ हुआ। दोनों आयोजनों की वजह से क्षेत्र का वातावरण धर्ममय हो गया है।
बहरहाल यहां धार्मिक आयोजनों की शुरूआत कल 30 मार्च रविवार को चैत्र नवरात्र पर्व की बैठकी पर साप्ताहिक ज्ञान महायज्ञ की शोभायात्रा से हुई।
शोभायात्रा शासकीय स्कूल के बाजू से स्थित खेरमाई मढिय़ा से गाजे-बाजे के साथ शुरू हुई और श्री श्री 1008 श्री दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में आकर समाप्त हुई। जिसके बाद ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ हुआ। जहां चित्रकूट से पधारे कमलेश प्रसाद पांडे महराज के सानिध्य में शुभ सिटी निवासी श्रीमती पूनम तिवारी के द्धारा ज्ञान यज्ञ की कथा शुरू की गई। संगीतमय ज्ञानयज्ञ पंडित ब्रजकिशोर गौतम के अलावा तबला वादक पारस सोनी व हारमोनियम में संतोष सोनी भी साथ दे रहे हैं।
इस अवसर पर बलराम प्यासी, विजय शंकर शुक्ला, भगवत प्रसाद मिश्रा, अमृत लाल शुक्ला, अनिल कुमार शुक्ला, सत्येन्द्र तिवारी, विनोद कुमार शुक्ला, बद्री प्रसाद तिवारी, रघुनाथ प्रसाद शुक्ला, लल्ला गौतम, विवेक शुक्ला, पुष्पेद्र द्विवेदी(पुजारी), शैलेष शुक्ला, सुशील कुमार शुक्ला, सुरेश प्रसाद शुक्ला, कृपा शंकर शुक्ला, रजनीश शुक्ला, सतीश द्विवेदी, विनय कुमार शुक्ला(बिन्नी), हरभजन शुक्ला, अरुण कुमार शुक्ला(कल्लू), आशीष प्यासी, रामनाथ यादव, कमलेश यादव, राजेश शुक्ला, पारसमणि शुक्ला सहित भारी संख्या में श्रृद्धालुओं की उपस्थिति रही।
देवी मंदिर में बोए गए जवारे
उधर दूसरी तरफ छपरवाह के बर्मन मोहल्ला स्थित देवी मंदिर में कल 30 मार्च रविवार चैत्र नवरात्र पर्व की बैठकी को देवी भगतों के साथ जवारे बोए गए। देवी मंदिर के पंडा पूरन बर्मन के द्धारा भाव आने के बाद श्रृद्धालुओं से जवारे बोने की प्रक्रिया पूरी कराई गई। इसके बाद अब यहां प्रतिदिन दिन में महिलाओं के द्धारा तथा रात में पुरूषों के द्धारा देवी भगते की जाएंगी तथा नवरात्र पर्व का समापन आगामी 6 अप्रैल को रामनवमीं के दिन जवारा जुलूस व जवारा विसर्जन के साथ होगा।
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