इंदौर में सात वर्षीय मासूम से दुष्कर्म करने वाले दुष्कर्मी को तिहरे मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने कहा दुष्कर्मी ने बच्ची को मृत्यु तुल्य कष्ट दिया है उसके साथ किसी तरह की रियायत नहीं दिखाई जा सकती।
इंदौर में एक युवक को सात साल की नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के मामले में फांसी की सजा सुनाई है। इसके अलावा पीडि़ता को पांच लाख रुपये भी देने को कहा है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जो पीडि़ता बलात्कार के बाद जीवित रहती है। उसकी जिंदगी मृत्यु से ज्यादा कष्टदायक हो जाती है। उसे जीवन भर पीड़ा होती है।
पिछले साल हीरानगर थाना क्षेत्र की स्कीम 136 में हुए दुष्कर्म के मामले में जिला कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए आरोपी मंगल पंवार पिता लाल सिंह निवासी देवास को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। इसके अलावा तीन साल और पांच साल के सश्रम कारवास से भी दंडित किया है। प्रकरण में पीडि़ता की तरफ से संजय मीणा ने पैरवी की थी।
बच्ची को उठाकर ले गया था आरोपी
घटना पिछले साल 27 फरवरी मजदूरी के लिए स्कीम-136 में रहने वाले परिवार की बच्ची को आरोपी उसकी झोपड़ी से उसका मुंह दबाकर उठा ले गया था। तब उसकी मां झोपड़ी के पीछे कपड़े धो रही थी। अचानक उसने अपनी बच्ची के चीखने की आवाज सुनी। झोपड़ी के सामने खाली प्लाॅट पर एक युवक उसकी बच्ची के साथ दुष्कर्म कर रहा था। इस बीच आसपास के लोग भी एकत्र हो गए तो आरोपी युवक वहां से भाग गया,लेकिन काॅलोनी के लोगों ने उसे पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। आरोपी कचरा बीनता है।