न्यूज डेस्क। उत्तर प्रदेश को पहली महिला मुख्यमंत्री देने वाले जिले के लोकसभा चुनावों के इतिहास को देखा जाय तो यहां महिलाओं की दावेदारी नाममात्र ही सामने आती है। आजादी के बाद हुए तीन लोकसभा चुनावों के बाद 1967 में बनी खलीलाबाद लोकसभा सीट से पहली बार 1984 में आधी आबादी की दावेदारी सामने आई थी। यहां से निर्दल उम्मीदवार के रूप में उषा देवी ने अपनी किस्मत आजामाया था।
पूर्व में खलीलाबाद लोकसभा सीट और वर्तमान में संतकबीर नगर लोकसभा क्षेत्र में मेहदावल विधानसभा क्षेत्र के शामिल होने को लेकर आधी आबादी की दावेदारी को लेकर चर्चा उठना स्वाभाविक है। मेहदावल से विधायक बनकर सुचेता कृपलानी प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी थीं। आजादी के बाद 1952, 1957, और 1962 में चुनाव तो हुए थे परंतु तब भी किसी महिला की दावेदारी सामने नहीं आई थी। परिसीमन के बाद 36 लोकसभा क्षेत्र खलीलाबाद बनने के बाद भी लगातार चार चुनावों तक किसी महिला के द्वारा नामांकन नहीं किया गया था जबकि इसके पूर्व ही प्रदेश का नेतृत्व इसी क्षेत्र से चुनी गई महिला द्वारा संभाला जा चुका था।
1984 के लोकसभा चुनाव में पहली बार उषा देवी ने दावा पेश किया था। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस चुनाव में यहां 12 उम्मीदवार थे जिसमें कांग्रेस के चंद्रशेखर त्रिपाठी को जीत मिली थी। उन्हें दो लाख 27 हजार 83 मत मिले थे जबकि लोकदल के राम प्रसाद चौधरी दूसरे स्थान पर रहे थे। उषा देवी को महज 4481 मत ही मिल सके थे। इस चुनाव में दस की जमानत जब्त हुई थी।