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ट्रंप के फैसले से रुपए की हालत खराब, ग्लोबल इकोनॉमिक रिसेशन की आशंकाओं को बढ़ा रही ट्रम्प की टेरिफ

ट्रंप के फैसले से रुपए की हालत खराब, ग्लोबल इकोनॉमिक रिसेशन की आशंकाओं को बढ़ा रही ट्रम्प की टेरिफ

ट्रंप के फैसले से रुपए की हालत खराब, ग्लोबल इकोनॉमिक रिसेशन की आशंकाओं को बढ़ा रही ट्रम्प की टेरिफ। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ऑपरेशन ‘T’ यानी टैरिफ रुपए की हालत लगातार खराब कर रहा है. एक दिन पहले डॉलर के मुकाबले में रुपए में 50 पैसे की गिरावट देखने को मिली थी. जो कि करीब 3 महीने की सबसे बड़ी गिरावट थी. उससे पहले 32 और 14 पैसे की गिरावट देखने को मिली थी. जिसकी वजह से लगातार तीन कारोबारी सत्रों में 96 पैसे की गिरावट देखने को मिली चुकी है. अब ट्रंप ने भारत के फार्मा सेक्टर पर टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है।

ट्रंप के फैसले से रुपए की हालत खराब, ग्लोबल इकोनॉमिक रिसेशन की आशंकाओं को बढ़ा रही ट्रम्प की टेरिफ

जिसकी वजह से लगातार चौथे कारोबारी दिन रुपए में 30 पैसे की गिरावट देखने को मिल रही है और रुपया डॉलर के मुकाबले में 86.56 डॉलर प्रति डॉलर पर आ गया है। फॉरेन करेंसी ट्रेडर्स का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट और अमेरिकी करेंसी के कमजोर होने के बावजूद, दुनिया भर में ट्रेड वॉर की आशंका ग्लोबल इकोनॉमिक रिसेशन की आशंकाओं को बढ़ा रही है, जिससे शेयर बाजारों में गिरावट के साथ विदेशी फंडों की निकासी बढ़ रही है।

रुपए में बड़ी गिरावट

इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया 86.52 पर खुला और 86.60 के निचले स्तर पर पहुंच गया, लेकिन शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले थोड़ा मजबूत होकर 86.56 पर आ गया, जो पिछले बंद स्तर से 30 पैसे कम है. मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 50 पैसे गिरकर 86.26 पर बंद हुआ. 13 जनवरी के बाद से रुपये में यह सबसे बड़ी एक दिवसीय गिरावट थी, जब रुपये में 66 पैसे की गिरावट आई थी. इससे पहले सोमवार और शुक्रवार को रुपये में क्रमश: 32 पैसे और 14 पैसे की गिरावट आई थी. इसका मतलब है कि रुपए में अभी तक 1.26 रुपए की गिरावट देखने को मिल चुकी है.

डॉलर इंडेक्स और कच्चा तेल भी लुढ़का

इस बीच, छह करेंसीज के मुकाबले डॉलर की ताकत को मापने वाला डॉलर इंडेक्स 0.59 फीसदी गिरकर 102.09 पर कारोबार कर रहा था. ब्रेंट क्रूड ऑयल 3.63 प्रतिशत गिरकर 60.50 डॉलर प्रति बैरल के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया. घरेलू वृहद आर्थिक मोर्चे पर निवेशक भारतीय रिजर्व बैंक के नीतिगत फैसलों का इंतजार कर रहे हैं. गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​की अध्यक्षता वाली आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने सोमवार को प्रमुख ब्याज दरों पर अपने तीन दिवसीय विचार-विमर्श की शुरुआत की और बुधवार को इसके नतीजों की घोषणा करने वाली है. जिसमें 0.25 फीसदी की कटौती देखने को मिल सकती है।

ट्रंप के फैसले से रुपए की हालत खराब, ग्लोबल इकोनॉमिक रिसेशन की आशंकाओं को बढ़ा रही ट्रम्प की टेरिफ

 

शेयर बाजार में बड़ी गिरावट

पिछले सत्र में रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरे शेयर बाजार के बेंचमार्क फिर से गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे. 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 433.92 अंक या 0.58 प्रतिशत गिरकर 73,793.16 पर आ गया, जबकि निफ्टी 158.60 अंक या 0.70 प्रतिशत गिरकर 22,377.25 पर आ गया. सोमवार को दोनों सूचकांक 5 प्रतिशत से अधिक गिरकर करीब 3 प्रतिशत नीचे बंद हुए. एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को शुद्ध आधार पर 4,994.24 करोड़ रुपये की इक्विटी बेची.

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