MP में 22 हजार करोड़ से बनेगी एमपी की ये रेलवे लाइन जमीन अधिग्रहण का काम 3 महीने बाद चालू होगा इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन प्रोजेक्ट को लेकर अच्छी खबर है। इसकी डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार हो गई है। सेंट्रल रेलवे ने इसे रेलवे बोर्ड में प्रस्तुत भी किया है। इस प्रोजेक्ट की लागत 22 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है। अब तीन से चार महीने की प्रक्रिया के बाद इस लाइन पर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। नई रेल लाइन से इंदौर, धार, खरगोन, बड़वानी, धुले और नासिक को फायदा होगा। इस रेल लाइन से संबंधित दोनों राज्यों के नौ सांसदों और इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन संघर्ष समिति के सदस्यों के साथ जल्द रेलमंत्री से मिलेंगे, ताकि इस काम में तेजी लाई जा सके।
नई रेल लाइन से फायदा
नई रेल लाइन से मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के छह जिले यानी इंदौर, धार, खरगोन, बड़वानी, धुले और नासिक को फायदा होगा। इसके लिए हमने रेलमंत्री से समय भी मांगा है। दरअसल, पिछले दिनों रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव के इंदौर आगमन पर सांसद लालवानी ने इंदौर-मनमाड़ प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा की थी, जिसके बाद उन्होंने दो दिनों में इंदौर से जुड़े सभी प्रोजेक्ट की रिपोर्ट दिल्ली भेजने के लिए अधिकारियों से कहा था। इससे पहले रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अनिलकुमार लाहोटी से भी सर्वे के काम को जल्दी पूरा करवाने को लेकर चर्चा की थी।
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22 हजार करोड़ रुपए
268 किमी की इंदौर-मनमाड़ के बीच नई रेल लाइन 50 किमी हिस्से में धुले-मनमाड़ के बीच चल रहा है काम 2,200 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी, 218 किमी के लिए 300 छोटे-बड़े नए ब्रिज बनेंगे, 09 टनल बनेगी जिसकी लंबाई 20 किमी होगी रेलवे बोर्ड बोर्ड इस रिपोर्ट का परीक्षण कर नीति आयोग को रिपोर्ट भेजेगा। नीति आयोग इसका अध्ययन करेगा और वित्त मंत्रालय में ये रिपोर्ट जाएगी। केंद्रीय कैबिनेट इस पर अंतिम मुहर लगाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में करीब तीन महीने का समय लगेगा। इसके बाद जमीन अधिग्रहण का काम शुरू होगा।
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