कैमोर। कैमोर नगर में पिछले लगभग 90 सालों से संचालित हो रही एवरेस्ट प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शाला अब बंद नहीं होगी। विधायक संजय सत्येंद्र पाठक से हुई चर्चा के बाद एवरेस्ट प्रबंधन ने शाला पहले की तरह आगे भी संचालित करने का निर्णय ले लिया है।
एवरेस्ट प्रबंधन ने वापस लिया स्कूल बंद करने का निर्णय
एवरेस्ट प्रबंधन के इस निर्णय के बाद इस स्कूल में पढ़ने वाले लगभग 250 बच्चों के अभिवववकों ने राहत की सांस ली है साथ ही विधायक संजय सत्येंद्र पाठक,एवरेस्ट मजदूर यूनियन और नगर परिषद के प्रति आभार जताया है।
उल्लेखनीय है कि एवरेस्ट प्रबंधन द्वारा विगत कई दशकों से एवरेस्ट प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शाला का संचालन किया जा रहा था जिसमें वर्तमान में लगभग 250 बच्चे अलग अलग कक्षाओं में अध्ययन कर रहे थे। इस शाला में केवल प्रधानाध्यापिका माधुरी तिवारी ही शासन से अनुदान प्राप्त शिक्षक थीं जो आगामी 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहीं। शेष सभी शिक्षक शिक्षिकाएं अशासकीय हैं जिनके वेतन का भुगतान एवरेस्ट प्रबंधन द्वारा किया जाता है।
अनुदान प्राप्त करने वाली एकमात्र शिक्षिका के भी सेवानिवृत हो जाने के बाद प्रबंधन पर और आर्थिक भार पड़ना था इसे ध्यान में रखते हुए प्रबंधन ने इसी सत्र से शाला का संचालन बन्द करने का निर्णय ले लिया था।
एक कारण यह भी था कि पहले इस शाला में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे एवरेस्ट कम्पनी के कर्मचारियों और मजदूरों के ही होते थे पर अब एवरेस्ट कम्पनी में स्थायी मजदूरों एवं कर्मचारियों की संख्या बेहद सीमित हो गई है। जो अधिकारी या कर्मचारी हैं उनके बच्चे डीएवी या अन्य अंग्रेज़ी माध्यमों के स्कूलों में पढ़ते हैं।
एवरेस्ट स्कूल में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे निजी क्षेत्रों से आते थे। ऐसे में एवरेस्ट कम्पनी को स्कूल का संचालन आगे जारी रखना आर्थिक बोझ लगने लगा था। इस आर्थिक बोझ से छुटकारा पाने के लिए एवरेस्ट प्रबंधन ने इसी सत्र से स्कूल का संचालन बन्द करने का निर्णय ले लिया था। अभिवावकों पर बच्चों की टीसी लेने दबाव बनाया जा रहा था। प्रबंधन बच्चों की पढ़ाई का एक साल का खर्चा उठाने को तैयार था।
एवरेस्ट स्कूल बंद किये जाने की खबर जैसे ही विधायक संजय सत्येंद्र पाठक तक पहुंची उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल एवरेस्ट प्रबंधन को पत्र लिखा जिसमें बच्चों के भविष्य को देखते हुए स्कूल का संचालन विधिवत जारी रखने का आग्रह किया गया।
बीते 31 मई को विधायक श्री पाठक के साथ एवरेस्ट प्रबंधन के अधिकारियों की इस सम्बंध में बैठक भी विजयराघवगढ़ में हुई जिसमें प्रबंधन के अधिकारियों ने बताया कि स्कूल बंद करने का निर्णय उच्चाधिकारियों द्वारा लिया गया है।
विधायक श्री पाठक ने एवरेस्ट के महाप्रबंधक किशोर परमार से आग्रह किया कि वे उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर उनकी मंशा से अवगत कराएं। इतना ही नहीं बच्चों के भविष्य को देखते हुए विधायक श्री पाठक ने स्कूल संचालन में आर्थिक सहायता की भी पेशकश की। विधायक के प्रयासों का परिणाम यह रहा कि कम्पनी फिहलाल स्कूल का संचालन जारी रखने को तैयार हो गई है।
एवरेस्ट इंडस्ट्रीज में सक्रिय मजदूर यूनियन भी स्कूल बंद करने के खिलाफ थी। यूनियन के अध्यक्ष श्याम तिवारी की ओर से भी प्रबंधन को स्कूल का संचालन जारी रखने पत्र लिखा गया था। मांग के समर्थन में बच्चों और उनके अभिवावकों द्वारा एक रैली भी यूनियन अध्यक्ष के नेतृत्व में निकाली गई थी। नगर परिषद अध्यक्ष मनीषा शर्मा द्वारा भी बच्चों के भविष्य को देखते हुए स्कूल का संचालन जारी रखने की बात कही थी। अंततः एवरेस्ट प्रबंधन को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा। सूत्रों के अनुसार एवरेस्ट स्कूल पुनः 18 जून से खुल जायेगा। इसी दिन से नए विद्यार्थी एडमिशन भी ले सकेंगे।