School Reopening । कोरोना संक्रमण के दौरान विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान नहीं हो इसे देखते हुए शिक्षा विभाग ने 9वीं से 12वीं के स्कूलों को आंशिक रूप से खोलने की अनुमति दी है लेकिन इसके बाद भी पालको बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं हैं।
सरकारी स्कूलों के 90 प्रतिशत पालक बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। वहीं प्राइवेट स्कूलों के 83 प्रतिशत पालकों ने यह अनुमति नहीं दी है। 9वीं से 12वीं तक की आंशिक कक्षाओं में धीरे धीरे पालकों की अनुमति से बच्चों के आने की संख्या बढ़ रही है।
15 से 20 प्रतिशत पालकों ने स्कूल में बोर्ड परीक्षा के फॉर्म वह एडमिशन के बाकी दस्तावेज जमा करने के लिए बच्चों को स्कूल जाने की अनुमति दी है। सरकारी स्कूलों में दर्ज 41800 बच्चों में से महज 4236 बच्चों के पालकों ने ही आंशिक कक्षा में भेजने की अनुमति दी है। प्राइवेट स्कूलों में दर्ज 87500 बच्चों में से 15135 बच्चों के पालकों ने ही यह अनुमति प्रदान की है।
सिर्फ इंदौर की बात करें तो जिले में 166 सरकारी हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल हैं। इन स्कूलों में 41800 विद्यार्थी दर्ज हैं। 21 अक्टूबर को जब आंशिक रूप से स्कूल खोलने की अनुमति दी गई थी तब यह अनुमान लगाया गया था कि लगभग 50 प्रतिशत या 60 प्रतिशत पालक बच्चों को स्कूल भेजने की अनुमति देंगे। स्कूलों में शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए रोटेशन में बच्चों को बुलाया जाएगा लेकिन अभी बच्चे बेहद ही कम पहुंच रहे हैं।