Strike: भूटान के लिए निर्मला ने खोली तिजोरी, मालदीव को झुनझुना दिखाया। ‘बॉयकॉट मालदीव’ ट्रेंड से उबरने में लगे राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को भारत ने एक और झटका दिया है. केंद्र सरकार ने मालदीव को दी जाने वाली वित्तीय मदद में 22% की कटौती की है.।
अगले वित्त वर्ष (2024-25) में मालदीव को विकास के लिए 600 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. यह पिछले साल के मुकाबले 170 करोड़ रुपये कम है. गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट 2024-25 में इसकी घोषणा की. बजट दस्तावेजों के मुताबिक, सरकार ने 2023-24 में मालदीव के लिए 400 करोड़ रुपये अलॉट किए थे. बाद में मदद की रकम बढ़ाकर 770 करोड़ कर दी गई थी. भारतीय टूरिस्ट्स के मालदीव से मुंह मोड़ने के बाद की सरकार को यह दूसरा झटका है. एक अहम घोषणा में सीतारमण ने कहा कि घरेलू टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए भारत अपने द्वीपों पर इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगा.
सबसे ज्यादा फंड भूटान के नाम
अंतरिम बजट में विदेश मंत्रालय को कुल 22,154 करोड़ रुपये अलॉट किए गए हैं. इसमें से 4,883.56 करोड़ रुपये दूसरे देशों की मदद के लिए हैं. ‘नेबरहुड फर्स्ट’ पॉलिसी के तहत, भारत ने सबसे ज्यादा फंड भूटान को देने का फैसला किया है. भूटान के विकास के लिए 2024-25 में 2,068 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. 2023-24 में भूटान को 2,400 करोड़ रुपये अलॉट किए गए थे. भारत सरकार ने ईरान में चाबहार पोर्ट के लिए भी 100 करोड़ रुपये अलॉट किए हैं.
लक्षद्वीप का नाम लेकर मालदीव पर स्ट्राइक!
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में लक्षद्वीप का खासतौर पर जिक्र किया. 4 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद ही मालदीव को मिर्ची लग गई थी. पीएम ने र्स्नॉकेलिंग करने के बाद कहा था कि एडवेंचर चाहने वालों को लक्षद्वीप भी ट्राई करना चाहिए. मालदीव के कुछ मंत्रियों और नेताओं ने पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं. जब भारतीयों ने जवाब में मालदीव की ट्रिप्स कैंसिल करना शुरू किया और बॉयकॉट का ट्रेंड चला, तब मालदीव ने खेद जताया.
देश | वित्तीय मदद (₹ में) |
भूटान | 2,068 करोड़ |
नेपाल | 700 करोड़ |
मालदीव | 600 करोड़ |
मॉरीशस | 370 करोड़ |
म्यांमार | 250 करोड़ |
अफगानिस्तान | 200 करोड़ |
अफ्रीकी देश | 200 करोड़ |
बांग्लादेश | 120 करोड़ |
श्रीलंका | 75 करोड़ |
खतरे में मुइज्जू सरकार
मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद मालदीव की नजदीकियां चीन से बढ़ी हैं. ड्रैगन के प्रभाव में आकर मुइज्जू तमाम ऐसे फैसले कर रहे हैं जिनकी वजह से वह अपने ही देश में घिर गए हैं. उनकी सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं. विपक्ष ने मुइज्जू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर ली है.
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