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13 Mar 2025, Thu
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इंडोनेशिया के राष्ट्रपति का चौंकाने वाला बयान: मेरा डीएनए भारतीय है!।इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोओ सुबिआंतो इस साल भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि रहे. वह इंडोनेशिया के चौथे ऐसे नेता थे, जिन्हें भारत के गणतंत्र दिवस पर मुख्य मेहमान के तौर पर आमंत्रण मिला. 23 जनवरी – गुरूवार को नई दिल्ली आने के बाद सबसे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. जहां दोनों नेताओं के बीच भारत-इंडोनेशिया के बीच राजनीतिक, रक्षा और सुरक्षा से जुड़े मामलों में सहयोग और सामंजस्य बढ़ाने पर सहमति बनी. ये सब तो दर्ज हो ही रहा था कि उन्होंने एक ऐसा बयान दे दिया जिसकी चर्चा समूचे दुनिया में होने लगी।

उनके सम्मान में आयोजित राष्ट्रपति कार्यलय के भोज में उन्होंने सभी को तब चौंका दिया जब उन्होंने कहा कि उनका डीएनए – इंंडियन है. इसके पीछे उन्होंने वजह बताई कि कुछ हफ्ते पहले उनकी जेनेटिक सिक्वेंसिंग हुई. इसमें पता चला कि उनका – इंडियन डीएनए है और वे भारतीय संगीत सुनते ही वे नाचने लगते हैं. ये बातें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी में की. सुबियांतो ने यहां तक कहा कि भारत और इंडोनेशिया के संबंध काफी पुराने, गहरे हैं. दोनों के बीच सभ्याताओं का जुड़ाव भी काफी अहम है. यहां तक की इंडोनेशियाई भाषा का अहम हिस्सा संस्कृत से आता है.

सुबिआंतो ने जो कहा, वो क्यों?

सुबिआंतो ने कहा कि इंडोनेशिया के ज्यादातर नाम संस्कृत से आते हैं. मुझे लगता है कि भारतीय सभ्यता का हमारे ऊपर काफी गहरा प्रभाव है और मुझे लगता है कि ये हमारे जेनेटिक्स का हिस्सा है. सवाल है कि जिस देश में दुनिया के सबसे ज्यादा मुसलमान हैं, उसके राष्ट्रपति ने अपना DNA भारतीय क्यों बताया? इसका एक कोई जवाब तो देना मुश्किल है लेकिन अगर हम उनके परिवार पर नजर डालें तो इसके कुछ इशारे मिल सकते हैं।

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सुबिआंतो के माता-पिता कौन?

उनकी मां – डोरा मैरी सिगार इंडोनेशिया के मानाडो शहर की रहने वाली ईसाई थीं. पिता सुमित्रो जोजोहादी कुसुमो इंडोनेशिया के बड़े अर्थशास्त्री थे, और देश के पहले राष्ट्रपति रहे सुकर्णो और दूसरे राष्ट्रपति रहे सुहार्तो की सरकार में मंत्री रहे थे. कुसुमो जावानीज मुसलमान थे. ये मुसलमान वैसे तो इस्लाम धर्म के ही मानने वाले होते हैं. लेकिन वे दूसरी धार्मिक परंपराओं – खासकर हिंदू, बुद्ध धर्म से भी अपना जुड़ाव मानते हैं. वे जिन रीति-रिवाजों को अपनाते हैं, वह हिंदू और बुद्ध संस्कृति के मेल से बना है. इतने सारे सारे धार्मिक मान्यताओं के मेल वाले परिवार में जन्मे सुबिंयांतो भारतीय और इंडोनेशिया की सभ्यता के जुड़ाव के अलावा शायद इन वजहों से भी खुद को इंडियन डीएनए का बता रहे हों.

 

By Usha Pamnani

20 वर्षों से डिजिटल एवं प्रिंट मीडिया की पत्रकारिता में देश-विदेश, फ़िल्म, खेल सहित सामाजिक खबरों की एक्सपर्ट, वर्तमान में यशभारत डॉट कॉम में वरिष्ठ जिला प्रतिनिधि