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रुपया हुआ धड़ाम, POTUS ने दिया साल का दूसरा सबसे बड़ा झटका!

रुपया हुआ धड़ाम, POTUS ने दिया साल का दूसरा सबसे बड़ा झटका!

रुपया हुआ धड़ाम, POTUS ने दिया साल का दूसरा सबसे बड़ा झटका! ।Potus यानी प्रेसीडेंट ऑफ द यूनाइटिड स्टेट्स यानी डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ का ऐसा खेन किया कि रुपए में लगातार तीसरे दिन गिरावट देखने को मिली. खास बात तो ये है कि रुपए में मंगलवार को 85 दिन के बाद सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है।

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इसका मतलब है कि 13 जनवरी के रुपए में डॉलर के मुकाबले में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है. करेंसी मार्केट के आंकड़ों को देखें तो तीसरे दिन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में 50 पैसे की गिरावट के साथ बंद हुआ है. ग्लोबल ट्रेड वॉर के चलते आर्थिक मंदी की आशंकाओं के बीच यह करीब तीन महीने में सबसे बड़ी सिंगल डे गिरावट है।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, कच्चे तेल की कीमतों में कुछ सुधार और विदेशी पूंजी के निरंतर बहिर्गमन ने भी धारणा को प्रभावित किया. इसके अलावा, अमेरिकी प्रशासन द्वारा चीन द्वारा अमेरिकी उत्पादों पर 34 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने के जवाब में 50 प्रतिशत दंडात्मक शुल्क लगाने की नई धमकी के बाद वैश्विक बाजारों में अत्यधिक अस्थिरता का सामना करना पड़ रहा है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर करेंसी मार्केट में सेंसेक्स में किस तरह की गिरावट देखने को मिल रही है।

85 दिन बाद सबसे बड़ी गिरावट

इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया 85.89 पर खुला और डॉलर के मुकाबले 85.82 के उच्च स्तर और 86.29 के निम्न स्तर के बीच झूलता रहा. रुपया 86.26 (अनंतिम) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद स्तर से 50 पैसे की गिरावट है. इससे पहले इस वर्ष 13 जनवरी को एक सत्र में इतनी बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी, जब इसमें 66 पैसे की गिरावट आई थी. सोमवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 32 पैसे गिरकर 85.76 पर बंद हुआ, जबकि इससे पहले शुक्रवार को इसमें 14 पैसे की गिरावट आई थी. इसका मतलब है कि तीन दिनों में डॉलर के मुकाबले रुपया 96 पैसे टूट चुका है।

ढाई हफ्तों के लोअर लेवल पर रुपया

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार ने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट देखी गई, जिसका मुख्य कारण आयातकों की ओर से डॉलर की मजबूत मांग और भारतीय इक्विटी बाजारों से विदेशी फंडों का लगातार बाहर जाना है. जिसकी वजह से रुपया इस महीने अपने एशियाई समकक्षों के बीच सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा के रूप में उभरा है. बाजार की धारणा रुपए के लिए नकारात्मक बनी हुई है, खासकर अमेरिका द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ लगाए जाने के बाद, जिसके कारण मुद्रा 21 मार्च के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई है. घरेलू वृहद आर्थिक उछाल पर, निवेशक भारतीय रिजर्व बैंक के नीतिगत दर निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं. आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​की अध्यक्षता में सोमवार को प्रमुख ब्याज दरों पर अपने तीन दिवसीय विचार-विमर्श की शुरुआत की. निर्णय की घोषणा बुधवार को की जाएगी।

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डॉलर इंडेक्स में तेजी और बाजार में उछाल

इस बीच, छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत को मापने वाला डॉलर इंडेक्स 0.06 प्रतिशत बढ़कर 103.03 पर कारोबार कर रहा था. वहीं ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम में कुछ सुधार दिखा और वायदा कारोबार में यह 0.19 फीसदी 64.33 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. घरेलू शेयर बाजारों में रिकॉर्ड निचले स्तर से उछाल आया और 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1089.18 अंक या 1.49 प्रतिशत बढ़कर 74,227.08 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 374.25 अंक या 1.69 प्रतिशत उछलकर 22,535.90 पर बंद हुआ. सोमवार को दोनों बेंचमार्क इंडेक्स में 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई और अंत में यह करीब 3 प्रतिशत नीचे बंद हुआ. एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को शुद्ध आधार पर 9,040.01 करोड़ रुपए की इक्विटी बेची।

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