Latest

RBI MPC ने ब्याज दरों में की कटौती, loan EMI में राहत, करोड़ों लोगों को फायदा, लगातार दूसरी बार कटौती

RBI MPC ने ब्याज दरों में की कटौती, loan EMI में राहत, करोड़ों लोगों को फायदा, लगातार दूसरी बार कटौती

RBI MPC ने ब्याज दरों में की कटौती, loan EMI में राहत, करोड़ों लोगों को फायदा, लगातार दूसरी बार कटौती। देश के बैंकिंग रेगुलेटर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने देश के करोड़ों लोगों को लोन ईएमआई में राहत दी है. आरबीआई की एमपीसी ने लगातार दूसरी बार रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की है. जिसके बाद रेपो रेट 6.25 फीसदी से कम होकर 6 फीसदी पर आ गए हैं. आरबीआई की ओर से ये फैसला ऐसे समय पर आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से हैरान और परेशान है. इस फैसले के बाद दुनिया में महंगाई और मंदी की संभावना बढ़ गई है. ग्लोबल इकोनॉमी के मंदी में जाने की संभावना को देखते हुए आरबीआई का ये फैसला काफी बेहतर समझा जा रहा है. आरबीआई एमपीसी के मैज्योरिटी मेंबर्स की ओर से 0.25 फीदी की कटौती की सिफारिश की, जिसके बाद रेपो रेट में इतनी कटौती का फैसला लिया गया.

खास बात तो ये है कि आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने आरबीआई की पॉलिसी रेट में लगातार दूसरी बार कटौती की है. फरवरी महीने की पॉलिसी मीटिंग में भी ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की थी. ये कटौती करीब 5 साल यानी 56 महीनों के बाद देखने को मिली थी. इस कटौती के बाद आम लोगों को बड़ी राहत मिलने के आसार हैं. होम लोन, कार लोन के साथ बैंकिंग सेक्टर के रिटेल लोन की कॉस्ट में कमी आएगी. इसका बड़ा फायदा रियल सेक्टर को हो सकता है. बीते कुछ महीनों से मंदी से जूझ रहे इस सेक्टर में घरों की डिमांड बढ़ सकती है।

देश में कितनी है महंगाई दर

भले ही मार्च महीने के महंगाई के आंकड़े सामने ना आए हों, लेकिन फरवरी के महीने में देश की महंगाई 4 फीसदी से नीचे चली गई थी. आंकड़ों को देखें तो देश की रिटेल महंगाई 3.6 फीसदी पर है. जोकि 7 महीनों का लोअर लेवल पर है. जिसका प्रमुख कारण फूड इंफ्लेशन में कमी आना बताया गया है. जानकारों की मानें तो अप्रैल के महीने में भी रिटेल महंगाई 4 फीसदी से कम रह सकती है. समस्या आने वाले दिनों की है. उसका कारण भी है. मौसम विभाग ने इस बार गर्मी के ज्यादा रहने का अनुमान लगाया है. जिसकी वजह से फसलों पर पड़ सकता है. जिसकी वजह से सब्जियों और अनाज की कीमतों में तेजी देखने को मिल सकती है. जिसका असर फूड इंफ्लेशन पर पड़ता हुआ दिखाई दे सकता है. दूसरी ट्रंप के टैरिफ की वजह से रुपए में गिरावट और महंगाई की वजह से इंपोर्टेड महंगाई में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

क्या है आरबीआई का महंगाई पर अनुमान

आरबीआई के अनुमान की बात करें तो मौजूदा वित्त वर्ष में महंगाई 4.8 फीसदी रहने का अनुमान है. वैसे चौथी ​तिमाही के महंगाई में 10 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया गया है. जिसे पिछले के 4.4 फीसदी से बढ़ाकर 4.5 फीसदी कर दिया है. वहीं वित्त वर्ष 2026 में महंगाई 4.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है. जबकि पहली तिमाही में 4.6 फीसदी रह सकती है. इससे पहले इसमें 4.5 फीसदी का रहने अनुमान जताया जा रहा था. दूसरी तिमाही में 4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 3.8 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया जा रहा है।

जीडीपी ग्रोथ का अनुमान

फरवरी महीने की मीटिंग में आरबीआई गवर्नर ने वित्त वर्ष 2026 के लिए देश की ग्रोथ का अनुमान बढ़ाते हुए 7 फीसदी से कम यानी 6.75 फीसदी कर दिया था. जानकारों की मानें तो टैरिफ वॉर के बीच इस अनुमान को और भी कम किया जा सकता है. उन्होंने पहली तिमाही के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान 6.7 फीसदी, दूसरी तिमाही के लिए 7 फीसदी तीसरी और चौथी तिमाही के लिए 6.5 फीसदी का अनुमान रखा था।

Back to top button