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15 Mar 2025, Sat

Ram Mandir Latest Photos Ayodhya: राम मंदिर की आज की नई तस्वीरें…देखिए भव्यता, दि‍व्‍य भक्ति के सागर में राम जन्‍म भूमि‍

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Ram Mandir Latest Photos Ayodhya:

राम मंदिर की आज की नई तस्वीरें आई हैं। राम मंदिर की भव्यता और सुंदरता की गुरुवार को कुछ और नई तस्वीरें सामने आईं हैं। 22 जनवरी को अयोध्या स्थित राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होगी। भगवान राम की मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह में रख दिया गया है।

22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर चल रही है। नई तस्वीरों में मंदिर के बाहर की भव्यता दिखाई दे रही है। रामनगरी बुधवार को भक्ति के सागर में डूबती-उतराती रही। प्राण प्रतिष्ठा की शुभ तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, उल्लास बढ़ता जा रहा है। प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान भी शुरू हो गए हैं।

बुधवार को रामलला की अचल मूर्ति को परिसर में पहुंचा दिया गया है। यह वही रामलला हैं जो 23 जनवरी से नए मंदिर में दुनिया भर के भक्तों को दर्शन देंगे। रामलला की अचल मूर्ति की एक झलक पाने को लेकर अयोध्यावासी दिन भर बेताब रहे, उत्साहित रहे। बुधवार को रामलला पहली बार परिसर में प्रवेश करने वाले थे इसलिए तैयारियां भी भव्य तरीके से की जा रही थीं। रामलला की उपासना बालरूप में होती है, इसलिए रामनगरी की मातृ शक्तियों ने अपने लल्ला के स्वागत में सुबह नौ बजे भव्य कलश यात्रा निकाली।

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कलश यात्रा में आस्था का चरम दिखा। पूरी अयोध्या श्रीराम के जयघोष से गूंज रही। पांच सौ महिलाओं ने दो किलोमीटर तक कलश यात्रा निकालकर सबको अहसास करा दिया कि रामलला अपने घर में प्रवेश करने वाले हैं। उधर रामसेवक पुरम स्थित योग केंद्र विवेक सृष्टि के प्रवेश द्वार पर सुबह से लेकर शाम तक भीड़ जमा रही। मीडियाकर्मियों के अलावा श्रद्धालु भी प्रवेश द्वार पर टकटकी लगाए रहे। उम्मीद थी कि जब रामलला की अचल मूर्ति को बाहर निकाला जाएगा तो उन्हें दर्शन हो जाएंगे। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, श्रद्धालुओं की बेसब्री बढ़ती गई। स्थानीय निवासी राजीव त्रिपाठी सुबह 11 बजे ही विवेक सृष्टि के बाहर रामलला की झलक पाने की आस में डट गए थे। इसी तरह श्रद्धालु व राहगीर भी बार-बार मीडिया कर्मियों व सुरक्षाकर्मियों से सवाल कर रहे थे कि मूर्ति कब बाहर निकलेगी।

आखिरकार देर शाम को रामलला को बंद ट्रक में सवार कर भारी सुरक्षा प्रबंधों के मध्य विवेक सृष्टि परिसर से बाहर निकाला गया। इससे पहले मूर्तिकार योगीराज ने मूर्ति को प्रणाम किया और बड़े ही भावुक अंदाज में मूर्ति ट्रस्ट को समर्पित की। मूर्ति की सुरक्षा के लिए एटीएस की टीम समेत दो सौ पुलिसकर्मी लगाए गए थे। विवेक सृष्टि परिसर से सबसे आगे एस्काॅर्ट करती एसपी सिटी की गाड़ी निकली। उसके पीछे ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की गाड़ी आई। फिर पीछे जैसे ही रामलला की अचल मूर्ति को लेकर बंद ट्रक बाहर निकला, जय श्रीराम का जयघोष गूंजने लगा। ट्रक के पीछे पुलिस के कई वाहन थे।

धर्मपथ से लता मंगेश्कर चौक होते हुए मुख्य मार्ग से गुजरते हुए करीब चार किलोमीटर की दूरी तय कर रामलला की अचल मूर्ति क्राॅसिंग 11 गेट से रामजन्मभूमि परिसर पहुंची। इस दौरान रास्ते में मूर्ति की एक झलक पाने को लोग बेताब दिखे। उन्हें दर्शन तो नहीं मिला, लेकिन पुष्प वर्षा व जयघोष कर रामलला के स्वागत में भक्तों ने कोई कसर नहीं छोड़ी।

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वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए और भव्य मंदिर में रामलला के गर्भगृह में प्रवेश करने से पहले सरयू में आस्था की डुबकी लगाएंगे। यहां स्नान के बाद सरयू का पवित्र जल लेकर राम मंदिर तक पैदल जाएंगे। हनुमानगढ़ी के अलावा मां सीता की कुलदेवी देवकाली मंदिर में भी दर्शन की योजना पर विचार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से एक दिन पहले ही 21 जनवरी को अयोध्या आ जाने की संभावना है। पीएम जगदगुरु रामभद्राचार्य के अमृत जन्मोत्सव व रामचरित मानस प्रवचन में भी शामिल होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी का 22 जनवरी को रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा में आगमन पहले से सुनिश्चित है। अब उनके अयोध्या दौर से जुड़े कुछ नए कार्यक्रमों पर भी विचार किया जा रहा है। इसके लिए रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट समेत प्रशासन व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एसपीजी के साथ मंथन कर रहे हैं। एसपीजी की ओर से हरी झंडी दिए जाने के बाद ही इसे फाइनल किया जाएगा।


प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार पीएम के अयोध्या प्रवास के दौरान 22 जनवरी को उनके सुबह की शुरुआत सरयू स्नान के साथ होगी। यहां स्नान के बाद कलश में जल लेकर पीएम राम पथ से भक्ति पथ होकर राम मंदिर की ओर बढ़ेंगे। भक्ति पथ पर ही हनुमानगढ़ी स्थित है। राम मंदिर में प्रवेश से पहले मोदी हनुमंत लला को अपनी श्रद्धा निवेदित करेंगे। प्रशासन और एसपीजी इस बिंदु पर माथापच्ची कर रहे हैं कि राम जन्मभूमि पथ की दूरी ज्यादा है। ऐसे में भक्ति पथ को ही प्रधानमंत्री का रूट तय किया जाए। भक्ति पथ पर ही छोटी देवकाली मंदिर है। मां सीता की कुलदेवी के रूप में इनकी महत्ता को देखते हुए मोदी यहां भी दर्शन-पूजन कर सकते हैं।

 

By Ashutosh shukla

30 वर्षों से निरन्तर सकारात्मक पत्रकारिता, संपादक यशभारत डॉट काम

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