नई दिल्ली। बिहार के मुंगेर में 28 घंटे से ज्यादा चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद तीन साल की मासूम बच्ची सना को सकुशल बचा लिया गया है. एसडीआरएफ की टीम की जी तोड़ मेहनत और लोगों की दुआओं के बूते सना जब बोरवेल से बाहर आयी तो नजार काफी मार्मिक था. लोगों को यकीन नहीं हो रहा था कि तीन साल की बच्ची मौत को मात देकर बोरवेल से बाहर निकल आयी.
घटनास्थल के बाहर एंबुलेस को तैनात किया था, जिसमें डॉक्टरों की टीम के साथ सना की मां भी मौजूद थीं. बच्ची को बोरवेल के निकालने के बाद तुरंत सदर अस्पताल ले जाया गया है, जहां उसकी गहनता से जांच की गई.
सना की सकुशल बरामदगी के लिये एसडीआरएफ की टीम ने युद्ध स्तर पर काम किया और 45 फीट की खुदाई कर के उसे सकुशल निकाला. बच्ची मिट्टी से दबे नहीं इसके लिये हॉरिजेंटल शेप में खुदाई की गई. बच्ची की निगरानी सीसीटीवी कैमरे से की गई तो उसे ऑक्सीजन की सप्लाई पाइप से की गई. पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मुहल्ले के लोग से लेकर प्रशासनिक अधिकारी तक घटनास्थल पर मौजूद रहे.
ज्यों-ज्यों सना को बोरवेल से निकालने के लिये खुदाई हो रही थी लोगों की खुशी बढ़ रही थी क्योंकि सना के लिये एक नहीं बल्कि लाखों लोग दुआ कर रहे थे. एक सप्ताह पहले अपने ननिहाल आयी तीन साल की बच्ची सना मंगलवार की शाम तीन बजे घर में खेलने के दौरान सबमर्सिबल के लिये खोदे गये बोरवेल में जा गिरी.
मासूम सी बच्ची के बोरवेल में गिरने के बाद पूरे मुहल्ले के लोग उसे बचाने की कोशिश कर रहे थे. कोई बोरवेल में रस्सी डालकर सना को उपर खींचने का प्रयास करने लगा तो कोई सिक्कड़ के सहारे लेकिन किसी की मेहनत सना को बाहर नहीं निकाल सकी. स्थानीय लोगों के हार मानने के बाद एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची थी.
बच्ची 225 फीट गहरे बोरवेल में गिरी लेकिन गनीमत यह रही कि वो 45 फिट की गहराई पर ही जाकर फंस गई. घर में काम कर रहे कारीगरों का कहना था कि बोरिंग के लिए 225 फीट डीप किया गया है, जिसमें लगभग 125 फुट तक ग्रेबुल भी डाल जा चुका था. फिलहाल सना को बचाने के लिये एसडीआरएफ की टीम लगातार मुंगेर में कैंप कर रही है तो डॉक्टर भी उसकी पल-पल सीसीटीवी से निगरानी कर रहे हैं.