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राजकोठी प्रांगण में कवियों ने गीत, गजल और कविताएं पढ़कर बांधा समा,सार्वजनिक कालिका उत्सव समिति के तत्वावधान में आयोजित हुआ कवि सम्मेलन

राजकोठी प्रांगण में कवियों ने गीत, गजल और कविताएं पढ़कर बांधा समा,सार्वजनिक कालिका उत्सव समिति के तत्वावधान में आयोजित हुआ कवि सम्मेल

कटनी। विजयराघवगढ़ स्थित राजकोठी प्रांगण में सार्वजनिक कालिका उत्सव समिति के तत्वावधान में कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। कटनी से आए ख्यातिलब्ध कवियों ने शानदार रचनाएं पढ़कर कार्यक्रम में चार चांद लगाए और तालियां बटोरी। शाम को कवि सम्मेलन मां काली की स्तुति और मां सरस्वती की वंदना से किया गया। इसके बाद वरिष्ठ कवि रामनरेश विद्यार्थी ने पल दो पल क्या मिले आपसे, आपसा आचरण हो गया, कवि लखन डेहरिया अंजान ने मां रूठ जाए तो शिवाला रूठ जाता है, डॉक्टर राजेश प्रखर ने राष्ट्र भक्ति पर मिटने वाले मृत्युंजय कहलाते हैं, कवि मकसूद खान नियाजी ने एक परिंदा आशियाना ढूंढता है, बलिदानी जो उनका पुण्य धारा अभिनंदन करती है आदि रचनाओं के माध्यम से उपस्थित जनों को मंत्रमुग्ध किया। कवयित्री अर्चना सोनी ने शानदार कविता पढ़कर तालियां बटोरीं। कुंवर अभिजीत सिंह ने बताया कि कवि सम्मेलन करीब 8 बजे प्रारंभ हुआ जो देर तक जारी रहा। संचालन कवि मकसूद खान नियाजी ने किया। राजकुमारी श्रीमती शारदा सिंह और समिति के सदस्यों ने कवियों को सम्मानित किया।

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