बीमा कंपनी को लगाई कड़ी फटकार अधिवक्ता बिट्टू द्वारा आवेदक को दिलाये लाख चालीस हजार

बीमा कंपनी को लगाई कड़ी फटकार
आवेदक को अदा करें 3,40,000 रुपए (तीन लाख चालीस हजा
कटनी। शंभू टॉकीज रोड कटनी निवासी राजेश जैन ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से अपनी कार स्विफ्ट डिजायर का बीमा कराया था। वर्ष 2017 में आवेदक श्री जैन का वाहन अचानक जंगली सूअर सामने आ जाने के कारण दमोह रोड में जबदस्त रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था इसके बाद कार के क्लेम से संबंधित जो भी औपचारिकताएं थी वह श्री राजेश जैन द्वारा पूरी कर दी गई लेकिन वह तब हतप्रभ हो गया जब उसे बीमा कंपनी द्वारा यह जानकारी दी गई कि आपने इस पॉलिसी को करते समय यह तथ्य नहीं बताया है कि पूर्व में भी आपके द्वारा इसी पॉलिसी के तहत कुछ क्लेम लिया जा चुका है जबकि सत्यता यह थी कि उस समय आवेदक को जैसे ही बीमा की पॉलिसी मिली थी उसे पढ़कर उसने तत्काल उसी समय उस पॉलिसी पर आपत्ति लगा दी थी कि उसके द्वारा यह तथ्य बताया गया था कि पूर्व में उसने इस पॉलिसी में क्लेम लिया है जो की पॉलिसी में दर्शित ही नहीं हो रहा है जिस पर कार्यवाही न होने पर संबंधित थाने में भी सूचना दे दी थी जिन बातों को अधिवक्ता गणों द्वारा आयोग के समक्ष जोरदारी से रखा गया जहां पर तर्कों और तथ्यों से सहमत होते हुए उपभोक्ता आयोग के विद्वान माननीय न्यायाधीश श्री उपेंद्र कुमार सोनकर जी एवं न्यायाधीश सदस्य श्रीमती रेखा पांडे जी द्वारा आवेदक श्री जैन के पक्ष में अपना निर्णयसुनाया जिसमें बीमा कंपनी को आदेशित किया गया कि 238631 की क्लेम राशि में सालाना ब्याज 6% के एवं ₹10000 मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में एवं साथी ₹5000 वाद व्यय के रूप में कुल राशि लगभग 3,40,000 लगभग राशि तीन लाख चालीस हजार रुपए आवेदक को अदा करें जिस पर बीमा कंपनी द्वारा आवेदक को राशि अदा भी कर दी गई और आवेदक द्वारा जब राशि प्राप्त की गई तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था प्रकरण में श्री जैन की ओर से पैरवी एडवोकेट मौसूफ बिट्टू एवं सत्येंद्र शुक्ला द्वारा की गई.