Pandora Mission: नासा का ‘पेंडोरा मिशन’, क्या खुलने वाला है ब्रह्मांड का रहस्यमयी पिटारा?,जब भी हम अंतरिक्ष की बात करते हैं, तो अनगिनत रहस्य हमारे दिमाग में घूमने लगते हैं. ब्रह्मांड में छिपे इन रहस्यों को समझने के लिए वैज्ञानिक लगातार नए मिशन पर काम कर रहे हैं. हाल ही में नासा ने एक नया मिशन लॉन्च करने की तैयारी की है जिसे ‘पेंडोरा मिशन’ नाम दिया गया है. यह मिशन हमारे सौर मंडल के बाहर मौजूद ग्रहों (एक्सोप्लैनेट्स) और अंतरिक्ष के दूसरे रहस्यों को समझने में मदद करेगा. एजेंसी ने घोषणा की है कि यह टेलीस्कोप एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के जरिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा.
क्या है नासा का पेंडोरा मिशन?
पेंडोरा मिशन नासा का एक महत्वाकांक्षी स्पेस टेलीस्कोप प्रोजेक्ट है, जिसे खासतौर पर एक्सोप्लैनेट्स और उनकी वायुमंडलीय संरचना का अध्ययन करने के लिए तैयार किया गया है. इस मिशन का मकसद यह पता लगाना है कि क्या पृथ्वी के अलावा किसी अन्य ग्रह पर जीवन की संभावनाएं हो सकती हैं. पेंडोरा मिशन एक एडवांस्ड टेलीस्कोप तकनीक का इस्तेमाल करेगा, जिससे खगोलीय पिंडों के वातावरण का सूक्ष्म अध्ययन किया जा सकेगा.
क्या करेगा पैंडोरा?
यह टेलीस्कोप 20 जाने-माने एक्सोप्लैनेट्स (हमारे सौरमंडल के बाहर मौजूद ग्रहों) पर नजर रखेगा. इसकी लॉन्चिंग 2025 के अंत तक होने की संभावना है, और यह एक साल तक इन रहस्यमयी ग्रहों की गहराई से जांच करेगा. 17-इंच के एल्युमिनियम टेलीस्कोप से लैस ‘पैंडोरा’ दूर स्थित तारों की रोशनी को इकट्ठा करेगा और ग्रहों के वातावरण का इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रा कलेक्ट करेगा. हर एक ग्रह को 10 बार, 24-24 घंटे तक ऑब्जर्व किया जाएगा. इस मिशन का मुख्य मकसद इन ग्रहों के वातावरण में हाइड्रोजन और पानी जैसे तत्वों की तलाश करना है, जो जीवन की संभावना से जुड़े अहम संकेत हो सकते हैं.
मिशन की मुख्य विशेषताएं
एक्सोप्लैनेट्स का अध्ययन – यह मिशन हजारों प्रकाशवर्ष दूर मौजूद ग्रहों के वायुमंडल की संरचना की जांच करेगा.
ट्रांजिट और स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीक – ग्रहों की बनावट और गैसीय संरचना को समझने के लिए यह मिशन ट्रांजिट मेथड और स्पेक्ट्रोस्कोपी का इस्तेमाल करेगा, ब्रह्मांडीय विकिरण(रेडिएशन) का अध्ययन – यह मिशन अंतरिक्ष में मौजूद विकिरणों को भी स्टडी करेगा, जिससे ब्रह्मांड की गहराइयों को समझने में मदद मिलेगी. डार्क मैटर और डार्क एनर्जी की जांच – वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह मिशन डार्क मैटर और डार्क एनर्जी जैसे रहस्यों पर भी रोशनी डाल सकता है.
पेंडोरा मिशन से क्या फायदे होंगे?
1. पृथ्वी के अलावा जीवन की संभावना तलाशने में मदद
पेंडोरा मिशन का प्रमुख उद्देश्य अन्य ग्रहों की वायुमंडलीय स्थितियों का अध्ययन करना है. इससे हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि कौन-कौन से ग्रह जीवन के लिए अनुकूल हो सकते हैं.
2. नए एक्सोप्लैनेट्स की खोज
यह मिशन हमारे सौर मंडल के बाहर मौजूद हजारों नए एक्सोप्लैनेट्स की खोज कर सकता है, जिससे ब्रह्मांड की विविधता को समझने में मदद मिलेगी.
3. ब्रह्मांड के निर्माण और विकास को समझने में मदद
ब्रह्मांड के शुरुआती दौर में गैसों, ग्रहों और अन्य पिंडों का निर्माण कैसे हुआ, यह सवाल वैज्ञानिकों के लिए हमेशा से एक पहेली रहा है. पेंडोरा मिशन इस रहस्य को सुलझाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है.
4. स्पेस टेक्नोलॉजी में नयापन
पेंडोरा मिशन में प्रयोग की गई नई तकनीकों से भविष्य के अन्य अंतरिक्ष अभियानों के लिए भी रास्ता खुलेगा. यह मिशन स्पेस टेक्नोलॉजी में कई नए इनोवेशन लेकर आएगा, जिससे भविष्य में और भी सटीक मिशन भेजना संभव हो पाएगा.