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13 Mar 2025, Thu

गणतंत्र दिवस पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा: 139 लोगों को मिलेगा सम्मान, शारदा सिन्हा समेत सात को पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री का भी एलान

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Padma Awards 2025: गणतंत्र दिवस पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा: 139 लोगों को मिलेगा सम्मान, शारदा सिन्हा समेत सात को पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री का भी एलान, इस साल के लिए आज केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कारों की सूची जारी की। इस सूची में गोआ की स्वतंत्रा सेनानी से लेकर पश्चिम बंगाल के ठाक वादक तक कई गुमनाम नायकों के नाम शामिल है। आईए इस सूची पर एक नजर डालते है।

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार को पद्म पुरस्कारों का एलान कर दिया गया है। इसके तहत पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री से सम्मानित किए जाने वाली हस्तियों के नामों का एलान किया गया। इस बार राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति ने 139 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी है। देर रात जारी सूची में सात पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण शामिल हैं। इसके अलावा 113 पद्म श्री पुरस्कारों का भी एलान किया गया है। पुरस्कार पाने वालों में 23 महिलाएं हैं। सूची में 10 विदेशी, एनआरआई, पीआईओ, ओसीआई श्रेणी के व्यक्ति शामिल हैं। वहीं, 13 मरणोपरांत पुरस्कार भी दिए जाने का एलान किया गया है। इसमें भोजपुरी गायिका शारदा सिन्हा (मरणोपरांत), जस्टिस (सेवानिवृत्त) जगदीश सिंह खेहर और सुजुकी कंपनी के ओसामु सुजुकी (मरणोपरांत) बिबेक देबरॉय, सुशील मोदी और मनोहर जोशी (मरणोपरांत) के नाम शामिल हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार रात पद्म पुरस्कारों की घोषणा की। सिन्हा को कला, खेहर को सार्वजनिक मामलों और सुजुकी को कारोबार-उद्योग के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। इनके अलावा पद्म विभूषण पाने वालों में दुव्वुर नागेश्वर रेड्डी (मेडिसिन), कुमुदिनी रजनीकांत लाखिया व लक्ष्मीनारायण सुब्रमण्यम (कला), एमटी वासुदेवन नायर (मरणोपरांत) (साहित्य-शिक्षा) शामिल हैं। इनके अलावा ए सूर्य प्रकाश, रामबहादुर राय (साहित्य एवं शिक्षा-पत्रकारिता), अनंत नाग व जतिन गोस्वामी, नंदमुरी बालकृष्ण, पंकज उधास (मरणोपरांत), एस अजित कुमार, शेखर कपूर, शोभना चंद्रकुमार (कला), जोस चाको पेरियाप्पुरम (मेडिसिन), कैलाश नाथ दीक्षित (पुरातत्व), नल्ली कुप्पुस्वामी चेट्टी, पंकज पटेल (कारोबार एवं उद्योग), पीआर श्रीजेश (खेल), साध्वी ऋतंभरा (सामाजिक कार्य), विनोद धाम (विज्ञान और इंजीनियरिंग) को पद्मभूषण प्रदान किया गया है। बिबेक देबरॉय को साहित्य और शिक्षा तथा सुशील मोदी व मनोहर जोशी (सार्वजनिक मामलों) के क्षेत्र में पुरस्कृत किया गया है।
देखें पूरी लिस्ट:-

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पद्म विभूषण (7)

इन्हें मिला पद्मश्री

 


वहीं गोवा के स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाली लीबिया लोबो सरदेसाई, पश्चिम बंगाल के ढाक वादक गोकुल चंद्र डे (57), महिला सशक्तीकरण की मुखर समर्थक सैली होलकर (82), राजस्थान की लोकगायिका बतूल बेगम, दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला, हिमाचल प्रदेश के हरिमन शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह भावेश, कुवैत के योग टीचर शेख एजे अल सबा और ब्राजील के वेदांत गुरु जोनास मैसेट को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।

पद्म सम्मानों में कलाकारों का जलवा

पद्म सम्मानों में कलाकारों का जलवा है। दिवंगत भोजपुरी गायिका शारदा सिन्हा, पंकज उधास, तमिल सुपरस्टार अजित कुमार, दिग्गज फिल्म निर्माता शेखर कपूर, गायक अरिजीत सिंह का भी नाम है। सिन्हा और जाने माने मलयालत स्क्रीनराइटर-डायरेक्टर वासुदेवन नायर को मरणोपरांत पद्म विभूषण प्रदान किया गया है। वहीं प्रसिद्ध गजल गायक पंकज उधास को मरणोपरांत पद्म भूषण दिया गया। साथ ही अजित, शेखर, तेलुगु अभिनेता नंदमुरी बालकृष्ण, दिग्गत अभिनेता अनंत नाग और भरतनाट्यम नृतक-अभिनेत्री शोभना को भी पद्मभूषण प्रदान किया गया है। इसके अलावा दिग्गज अभिनेता अशोक सराफ, थिएटर कलाकार बैरी जॉन, गायक जसपिंदर नरूला और ग्रेमी विजेता संगीताकार रिकी केज को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।

पीएम मोदी ने दी बधाई

पद्म पुरस्कारों के एलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर सम्मानित लोगों को बधाई दी है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘सभी पद्म पुरस्कार विजेताओं को बधाई! भारत को उनकी असाधारण उपलब्धियों का सम्मान करने और उनका जश्न मनाने पर गर्व है। उनका समर्पण और दृढ़ता वास्तव में प्रेरणादायक है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता कड़ी मेहनत, जुनून और नवाचार का पर्याय है, जिसने अनगिनत जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। वे हमें उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने और निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करने का मूल्य सिखाते हैं।’

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बीते साल 132 पद्म पुरस्कारों का हुआ था एलान

इससे पहले पिछले साल राष्ट्रपति ने 132 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी थी, इनमें पांच पद्म विभूषण, 17 पद्म भूषण और 110 पद्म श्री शामिल थे। पुरस्कार पाने वालों में 30 महिलाएं थीं। पद्म सम्मान देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक हैं और यह तीन श्रेणियों- पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री में प्रदान किए जाते हैं।
पहले जानें पद्म पुरस्कारों के बारे में
भारत सरकार ने देश के दो सर्वोच्च नागरिक सम्मान – भारत रत्न और पद्म पुरस्कारों की शुरुआत वर्ष 1954 में की थी।
इन पुरस्कारों से देश-विदेश के उन लोगों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने किसी क्षेत्र में कोई प्रतिष्ठित व असाधारण कार्य किया हो, जिसमें लोक सेवा का तत्व जुड़ा हो।
हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर इन पुरस्कारों की घोषणा की जाती है। फिर मार्च या अप्रैल में होने वाले समारोह में राष्ट्रपति द्वारा विजेताओं को सम्मानित किया जाता है।
सामान्यत: मरणोपरांत ये पुरस्कार दिए जाने का प्रावधान नहीं है। लेकिन कुछ विशिष्ट मामलों में सरकार के पास ये निर्णय लेने का पूरा अधिकार है।नियम के अनुसार, किसी को अगर वर्तमान में पद्मश्री दिया गया है, तो फिर उसे पद्म भूषण या पद्म विभूषण अब से पांच साल बाद ही दिया जा सकता है। लेकिन यहां भी कुछ विशिष्ट मामलों में पुरस्कार समिति छूट दे सकती है।
जिस दिन समारोह में राष्ट्रपति द्वारा सम्मान दिया जाता है, उसके बाद सभी विजेताओं के नाम भारत के राजपत्र में प्रकाशित किए जाते हैं।

पहले क्या थे पुरस्कारों के नाम

1954 में जब भारत रत्न के साथ पद्म पुरस्कारों की शुरुआत हुई, तब सिर्फ पद्म विभूषण नाम अस्तित्व में आया था। पद्मश्री और पद्म भूषण नहीं।
पद्म विभूषण के अंतर्गत ही पहला वर्ग, दूसरा वर्ग और तीसरा वर्ग के नाम से विजेताओं को सम्मान दिया जाता था।
हालांकि ये नामकरण सिर्फ एक साल ही चलन में रहा। फिर 8 जनवरी 1955 को राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी अधिसूचना में इन पुरस्कारों को पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण नाम दिया गया।

 

By Ashutosh shukla

30 वर्षों से निरन्तर सकारात्मक पत्रकारिता, संपादक यशभारत डॉट काम