Site icon Yashbharat.com

MP News : मध्य प्रदेश को मिल सकती है बड़ी सौगात, Chambal Expressway कागज़ो में चल रहा है

       

MP News : मध्य प्रदेश को मिल सकती है बड़ी सौगात, Chambal Expressway कागज़ो में चल रहा है। लोकसभा सीट बीते 30 साल से भाजपा का गढ़ है। इस सीट पर कांग्रेस आखिरी बार वर्ष 1991 में जीती थी। तब बारेलाल जाटव सांसद चुने गए थे। इसके बाद सात बार लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें भाजपा ही जीती। वर्ष 2019 के चुनाव में यहां से दिग्गज भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर चुनाव जीते और मोदी सरकार में केंद्रीय कृषि मंत्री बने।

जितने भी सांसद चुने गए हैं, उनमें से नरेंद्र सिंह तोमर ही ऐसे नेता माने जाते हैं, जिन्होंने मुरैना व श्योपुर जिले को समान महत्व, बजट व सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया। बीते साल दिसंबर में विधानसभा चुनाव जीतने पर नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अब वह मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हैं।

चंबल एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट

नरेंद्र सिंह तोमर को अपेक्षित सफलता नहीं मिली, उनमें सबसे बड़ी परियोजना चंबल एक्सप्रेस-वे है, जो योजना से ही बाहर नहीं निकल पाया। नरेंद्र सिंह तोमर ने उन्नत तिलहन बीजों की खेती के लिए बीहड़ों में बीज विकास निगम का फार्म हाउस स्वीकृत करवाया। 100 करोड़ रुपये की लागत वाला यह फार्म हाउस भी अधूरा पड़ा है। मुरैना में मेडिकल कॉलेज का काम शुरू नहीं हो पा रहा। नूराबाद उद्यानिकी नर्सरी में करोड़ों रुपये खर्च करके दो बार इंडो-इजराइल पद्धति से खेती के प्रोजेक्ट लगाए।

यह भी पढ़े : Rail News: सेंट्रल रेलवे चला रही है ये स्पेशल ट्रेनें, इन रूट्स पर चला रही है 90 स्पेशल ट्रेनें, देखें टाइम टेबल

नरेंद्र सिंह तोमर की छवि को नुकसान

नरेंद्र सिंह तोमर दिमनी विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी थे। उस समय वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में भी माने जा रहे थे, लेकिन चुनाव के बीच उनके बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रामू भैया के तीन ऐसे वीडियो इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित हो गए, जिसमें हजारों करोड़ रुपये के लेनदेन का जिक्र था। इन वीडियो ने नरेंद्र सिंह तोमर की छवि को नुकसान हुआ।

Aadhar Card में अपना नाम पता आप अब मोबाईल से ही बदल सकतें जानिए पूरा प्रोसेश

आदर्श गांव को गोद लिया

सांसद रहते हुए नरेंद्र सिंह तोमर ने आदर्श गांव के रूप में विकसित करने मुरैना जनपद के पड़ावली गांव को गोद लिया था। इसी गांव को पूर्व सांसद अनूप मिश्रा ने भी गोद लिया था लेकिन दोनों सांसद 10 साल के कार्यकाल में इस गांव में ऐसा कोई आदर्श स्थापित नहीं कर पाए, जो जिले के 700 से ज्यादा गांवों के लिए उदाहरण बनता।
Exit mobile version