भोपाल। शिवराज सरकार ने कमल नाथ सरकार के एक और फैसले को बदलने का निर्णय लिया है।
कृषक बंधु योजना की जगह अब कृषक मित्र योजना लागू की जाएगी। इसके तहत प्रदेश में 26 हजार कृषक मित्र तैनात किए जाएंगे।
इन्हें प्रशिक्षण देकर कृषि विभाग और किसान के बीच की कड़ी बनाया जाएगा। इनके माध्यम से सरकार अपनी योजनाओं की जानकारी किसानों तक पहुंचाएगी।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने प्रमुख सचिव अजीत केसरी को फिर से कृषक मित्र बनाने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश में कर्जमाफी योजना का ठीक से प्रचार नहीं होने और मैदानी जानकारियां नहीं मिलने के कारण कमल नाथ सरकार ने कृषक बंधु नियुक्त करने की योजना लागू की थी।
इसके तहत हर दो पंचायत के बीच एक किसान की तैनाती कृषक बंधु के तौर पर होनी थी। इन्हें साल में 12 हजार रुपये मानदेय देने का भी प्रस्ताव था।
सरकार की मंशा थी कि कृषक बंधु सरकार और किसान के बीच कड़ी का काम करेंगे। सरकार की योजनाओं की जानकारी किसानों तक पहुंचाएंगे और किसानों की समस्याएं कृषि विभाग के माध्यम से सरकार तक पहुंचाएंगे।
कैबिनेट से निर्णय पारित होने के बाद विभाग ने योजना का खाका तो खींचा पर क्रियान्वयन नहीं हो सका और प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया।
सूत्रों के मुताबिक शिवराज सरकार ने इस योजना की जगह फिर अपनी कृषक मित्र योजना लागू करने का सैद्धांतिक निर्णय कर लिया है।
इसके मद्देनजर कृषि मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कृषक मित्र नियुक्त करने की प्रक्रिया तेजी के साथ शुरू की जाए।
इनकी नियुक्ति राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत कृषि तकनीकी एवं प्रबंधन के विस्तार कार्यक्रम के तहत होगी।
कृषक मित्रों को मानदेय भी दिया जाएगा। कृषक मित्र के अलावा विकासखंड, जिला और संभाग स्तर पर समन्वयक भी बनाए जाएंगे।
प्रगतिशील किसान होगा कृषक मित्र
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्थानीय प्रगतिशील किसान कृषक मित्र होगा।
इसका काम किसानों के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे कामों के बारे में जानकारी देने के साथ किसानों को खेती में तकनीक के उपयोग को प्रोत्साहित करना भी होगा।
किसानों को यदि किसी योजना का लाभ प्राप्त करने में कोई समस्या आती है तो कृषक मित्र इसकी सूचना वरिष्ठ स्तर पर देंगे।
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