Maharashtra NCP Crisis Live महाराष्ट्र में जो कुछ हुआ वह एकाएक नहीं था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अजित पवार की पटकथा के कोरे पन्ने धीरे-धीरे भरे जा रहे थे। भतीजे अजित ने इशारा भी किया, मगर शरद ‘चाचा’ नहीं समझ सके। भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में पहले मुंबई पुलिस की आर्थिक शाखा द्वारा क्लीन चिट देना और उसके बाद ईडी से भी राहत मिलना, ये कोई संजोग नहीं था। ये सब उसी ‘पटकथा’ के अंश थे।
धनशोधन रोधी कानून के तहत 65 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की चीनी मिल कुर्क की गई थी। इसे अजित के परिवार से संबंधित बताया गया था। तब ईडी जांच को लेकर यह उम्मीद की जा रही थी कि अब अजित पवार और पत्नी सुनेत्रा अजित पवार का जेल जाना लगभग तय है, उसमें उन्हें क्लीन चिट दे दी जाती है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कर्नाटक चुनाव में पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी की तो अजित ने उनके बयान की आलोचना की। कुछ माह पहले ही अजित बोले, मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप साबित हुए तो ‘मैं’ राजनीति छोड़ दूंगा।
विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि कुछ दिनों से एनसीपी प्रमुख शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच केवल औपचारिकता पूर्ण बातचीत हो रही थी। अजित, ऐसा कोई कदम उठा सकते हैं, इस बाबत पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने शरद पवार और सुप्रिया सुले को जानकारी दी गई थी। इसके बावजूद उन्हें अजित पर भरोसा था। वे मानते रहे कि अजित के साथ कितना ही मनमुटाव क्यों न हो, मगर वह पार्टी छोड़कर कहीं नहीं जाएगा।
पिछले ही दिनों अजित पवार ने कहा था कि वे नेता प्रतिपक्ष के पद की जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं। उन्होंने शरद पवार तक अपनी वह बात पहुंचा दी थी कि वे पार्टी संगठन में काम करने के इच्छुक हैं। चूंकि शरद पवार को भरोसा था कि वह इस तरह का कदम नहीं उठाएगा, इसलिए रविवार को अजित ने जब एनसीपी विधायकों की बैठक बुलाई तो वह जानकारी भी बड़े पवार को नहीं थी। पुणे में मौजूद शरद पवार ने कहा, मुझे पार्टी विधायकों की बैठक की कोई जानकारी नहीं है। वे 6 जुलाई को वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा करेंगे।