Breaking
14 Mar 2025, Fri

ladli behna yojana ko band kren सरकारी शिक्षक ने 181 पर कम्प्लेंट करते कहा फ्री की रेवड़ी है लाडली बहना योजना

...

मध्यप्रदेश में ladli behna yojana ko band kren यह एक अजीबोगरीब शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंचाई गई। यह शिकायत एक सरकारी शिक्षक ने की है। शिक्षक ने लाडली बहना योजना का विरोध करते कम्प्लेंट नम्बर 181 पर कॉल कर विरोध जताया कहा कि आप फ्री में रेवड़ी ना बांटे।

जावरा के पिपलोदा के शासकीय शिक्षक और सर्प मित्र गणेश मालवीय ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 181 पर काल कर सरकार की फ्री राशि बांटने वाली योजनाओं का विरोध किया। शिक्षक की बातचीत का ये ऑडियो अब जमकर वायरल हो रहा है। 181 पर किए कॉल में गणेश मालवीय ने 8.54 मिनट तक सरकार की लाडली बहना योजना सहित अन्य ऐसी योजनाएं, जिनमें फ्री में राशि बांटी जा रही है उनका विरोध दर्ज कराया।

उन्होंने सबसे पहले कहा कि लाडली बहना योजना में सरकारी कर्मचारियों की पत्नी को शामिल नहीं किया तो क्या वे लाडली बहना नहीं है? फिर उन्होंने कहा कि वह 35000 रुपए टैक्स देते हैं। इस तरह से अनेक लोग अपनी आय में से एक बड़ा हिस्सा टैक्स के रूप में देते हैं, तो क्या टैक्स की राशि इसलिए देते हैं कि आप फ्री में रेवड़ी बांटे।

विधवा और दिव्यांग पेंशन ठीक

शिक्षक ने कहा कि आप टैक्स लेते हैं, तो उससे सड़कें बनाए, बिजली पैदा कीजिए और अन्य विकास करिए ना कि इस तरह से फ्री में राशि बांट दे। गणेश मालवीय ने विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन जैसी योजनाओं की तारीफ भी की, लेकिन जो घर बैठकर फ्री में राशि ले रहे हैं और काम नहीं कर रहे उसका उन्होंने विरोध जताया।

इसे भी पढ़ें-  MP Universities Big Update: MP विश्वविद्यालयों में मेपकास्ट खोलेगा पेटेंट एंड टेक्नोलॉजी सेंटर, बढ़ेगा नवाचार

उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में भी कहा कि अनेक सरकारी कर्मचारी ऐसे हैं, जिनके बेटों ने अलग बीपीएल राशन कार्ड बनवा लिए और उन्होंने इस ढाई लाख रुपए की राशि को ले लिया और उनकी पत्नी भी लाडली बहना योजना में लाभ ले रही हैं, तो इस तरह से फ्री में जो राशि बांटी जा रही है उसका दुरुपयोग हो रहा है। ऐसी अनेक बातें ऑडियो काल में कही। अंत में उन्होंने कहा कि यह ऑडियो की रिकॉर्डिंग मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जाए, क्योंकि मुख्यमंत्री से मिलना संभव नहीं है। उनके आसपास बॉडीगार्ड, प्रोटोकॉल है और किसी को भी मिलने नहीं दिया जाता। इसलिए यही एक माध्यम हैं, जिससे उनकी बात को मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जा सकता है।

 

By Ashutosh shukla

30 वर्षों से निरन्तर सकारात्मक पत्रकारिता, संपादक यशभारत डॉट काम