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13 Mar 2025, Thu

ladli behna yojana 2.0 लाडली बहनों को मिलेगी बड़ी खुशखबरी, रक्षाबंधन पर CM शिवराज देंगे 1250 रुपए का उपहार!

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ladli behna yojana 2.0 लाडली बहना को मिल सकती है बड़ी खुशखबरी क्योकि आने वाला है रक्षा बंधन का त्यौहार, मीडिया रिपोर्ट्स तथा सूत्रों की मानें तो महिलाओं को रक्षाबंधन पर सीएम शिवराज 1250 रुपए का बहनों को तोहफा देंगे।

धीरे धीरे बढ़ा कर 3 हजार रुपये की जाएगी

दरअसल सीएम शिवराज सिंह अपनी हर सभा तथा सार्वजनिक कार्यक्रमों में इस बात का ऐलान करते हैं कि लाडली बहना योजना के तहत राशि धीरे धीरे बढ़ा कर 3 हजार रुपये की जाएगी। 9 दिन बाद अर्थात 10 जुलाई को लाडली बहनों को फिर से 1000 रुपये देने की तैयारी प्रारम्भ है। सावन के महीने में अगले माह अर्थात अगस्त में सीएम बहनों को 1250 रुपये तीसरी क़िस्त में देंगे। यह मुख्यमंत्री की तरफ से सवा करोड़ लाडली बहनों को भाई का उपहार होगा।

अन्य राज्यों में भी दबाव

प्रदेश ही नहीं पूरे देश मे लाडली बहना योजना की खूब चर्चा है जिस सहजता से सवा करोड़ से अधिक महिलाओं के खाते में 1000 रुपए पहुंचे उसे देखकर अब अन्य राज्यों की सरकारों को दबाव बढ़ रहा है। इससे पहले मुख्य मंत्री की लाडली लक्ष्मी योजना ने सुर्खियां बटोरीं थीं कई राज्यों ने अलज अलज नाम से इस योजना को शुरू किया ठीक इसी तरह अब लाडली बहना योजना को लेकर तमाम राज्य अध्ययन में जुट गए हैं।

आयु और शर्तें घटा दी गई हैं

लाड़ली बहना योजना में अभी 23 से 60 वर्ष आयु की महिलाओं को लाभ देने का प्रविधान है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 21 वर्ष तक की महिलाओं को लाभ देने के निर्देश दिए हैं, वहीं जिन परिवारों में ट्रैक्टर हैं, उनकी महिलाओं को भी पात्र मानने को कहा है। इसे देखते हुए विभाग ने आंकड़े जुटाए। यानी आने वाले महीनों में सरकार को एक करोड़ 42 लाख से अधिक महिलाओं को एक-एक हजार रुपये महीने देने पड़ेंगे। इस पर करीब 21 हजार करोड़ रुपये सालाना खर्च होंगे। वर्तमान में एक करोड़ 25 लाख महिलाओं को योजना का लाभ दिया जा रहा है।

योजना की पात्र एक लाख 78 हजार महिलाओं के बैंक खातों में 10 जून को राशि नहीं पहुंच पाई थी। इन प्रकरणों में ट्रांजैक्शन फेल हो गया था। जिला स्तर पर ऐसे खातों की जांच कराई गई तो पता चला कि अधिकतर में डीबीटी (डायरेक्टर बेनिफिट ट्रांसफर) सक्षम नहीं हो पाया था।
वहीं कुछ खातों में आधार लिंक नहीं हुए थे तो कुछ में आधार नंबर किसी और बैंक खाते से लिंक था। इनमें सुधार कराया गया और इनमें से एक लाख 20 हजार महिलाओं के बैंक खातों में राशि पहुंचा दी गई है।
 

By Ashutosh shukla

30 वर्षों से निरन्तर सकारात्मक पत्रकारिता, संपादक यशभारत डॉट काम