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14 Mar 2025, Fri

India In Deep Sea: आत्मनिर्भर नीली अर्थव्यवस्था पाने पर फोकस-गहरे समुद्र में मिशन शुरू करने वाला भारत बनेगा 6 देश, टाइटेनियम का बनेगा यान

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India In Deep Sea: आत्मनिर्भर नीली अर्थव्यवस्था पाने पर फोकस-गहरे समुद्र में मिशन शुरू करने वाला भारत बनेगा 6 देश, टाइटेनियम का बनेगा यान, केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को कहा कि भारत गहरे समुद्र में मिशन शुरू करने वाला दुनिया का छठा देश बनेगा। मंत्रालय के 100 दिन की कार्ययोजना पर चर्चा के लिए आयोजि बैठक में जितेंद्र सिंह ने भारत के गहरे समुद्र मिशन को लेकर खुशी जताई और कहा कि इस उपलब्धि को पाने के साथ ही भारत दुनिया के चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा।

ताकि समुद्र पर निर्भर लोगों को सशक्त किया जा सके

केंद्रीय मंत्री ने संस्थानों को आत्मनिर्भर नीली अर्थव्यवस्था पाने पर फोकस करने की अपील की ताकि समुद्र पर निर्भर लोगों को सशक्त किया जा सके। जितेंद्र सिंह ने कहा कि गहरे समुद्र के मिशन से सिर्फ खनिज की खोज ही नहीं होगी बल्कि इससे समुद्र विज्ञान की समझ बढ़ेगी और वनस्पति और जीवों की खोज होने के साथ ही समुद्री जैव विविधता का संरक्षण भी हो सकेगा। सिंह ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशीन टेक्नोलॉजी के प्रयासों की भी सराहना की, जो मत्स्ययान 6000 को विकसित कर रहा है। यह यान समुद्र में छह हजार मीटर की गहराई तक गोता लगा सकेगा।

टाइटेनियम का यान विकसित करने की भी सराहना की

मत्स्ययान के विकास के बारे में जानकारी लेते हुए केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पहले चरण के ट्रायल सितंबर से शुरू करके साल 2026 तक पूरे हो जाने चाहिए। केंद्रीय मंत्री सिंह ने मंत्रालय के इसरो के साथ मिलकर टाइटेनियम का यान विकसित करने की भी सराहना की। यह यान समुद्र की गहराई के दबाव को झेलने में सक्षम है। उन्होंने आपातकालीन स्थिति से निपटने की तैयारियों की भी समीक्षा की और यह भी देखा कि यह यान 72 घंटे तक समुद्र के भीतर रह सकेगा या नहीं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गहरे समुद्र के मिशन से देश की अर्थव्यवस्था को भी काफी फायदा होगा।

 

By Ashutosh shukla

30 वर्षों से निरन्तर सकारात्मक पत्रकारिता, संपादक यशभारत डॉट काम