नालंदा में एक महिला की लाश मिली है। उसके साथ बर्बरता की गई है। इसका प्रमाण तस्वीर में दिख रहा है। महिला का शरीर जख्मों से भरा था। तलवों में कीलों ठोंकी गई थी। इतना ही नहीं हाथ में स्लाइन चढ़ाने का ड्रिप लगा हुआ था। बुधवार को हरनौत प्रखंड अंतर्गत सरथा पंचायत के बहादुरपुर गांव के पास एनएन 30ए किनारे इस शव को देख लोग हैरान रह गए। आशंका है कि किसी ने निर्ममता पूर्वक महिला की हत्या कर शव को यहां लाकर फेंक दिया है। गुरुवार को इस मामले की गूंज सड़क से लेकर सदन तक सुनाई दी। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और विपक्ष के कुछ नेताओं ने इस मामले को लेकर विधानसभा में सवाल उठाया। हालांकि, सरकार की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया है। आइए जानते हैं क्या कहा मामला…
चण्डी थानाध्यक्ष सुमन कुमार ने बताया कि बुधवार को नालंदा के हरनौत प्रखंड अंतर्गत सरथा पंचायत के बहादुरपुर गांव के पास नेशनल हाईवे (30 A) के किनारे एक अज्ञात महिला का शव पड़ा हुआ है। सूचना मिलने के उपरांत पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु बिहार शरीफ सदर अस्पताल भेज दिया गया है। महिला की उम्र करीब 26 वर्ष प्रतीत हो रही और उसकी लाश नाइटी में थी। दाहिने हथेली पर ड्रीप लगा था, जिससे ये पता चलता है कि महिला को स्लाइन चढ़ाया जा रहा था। अब तक यह बात सामने नहीं आ पायी है कि महिला को किस अस्पताल में एडमिट किया गया था।
कीलें ठोंकने के बावजूद खून नहीं निकला
लोगें का कहना है कि महिला के दाहिने हाथ पर कोहनी से ऊपर पट्टी लगी है, जिससे ब्लड चढ़ाए जाने की आशंका है। हालांकि, महिला प्रेग्नेंट होने की भी आशंका है, लेकिन इस संबंध में अब तक आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। महिला के दोनों तलवों में कुल नौ कीलें ठोकी मिली हैं। लेकिन, हैरानी की बात ये कि एक भी कील में खून लगा नहीं मिला है। जहां शव पाया गया वहां भी खून का धब्बा नहीं मिला है। प्रतीत होता है कि महिला की मौत के काफी देर बाद पैर में कील ठोंका गया है। पुलिस की ओर से कहा जा रहा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकेगा।
महिला की मौत में अंधविश्वास की बात
स्थानीय लोगों का कहना है कि महिला के शरीर पर राख लगा पाया गया है। हाथों में स्लाइन चढ़ाने वाली ड्रीप लगी है। आशंका है कि करंट लगने के बाद महिला को अस्पताल में एडमिट किया गया होगा। यहां मौत के बाद परिजन किसी ओझा के चक्कर में पड़ गए होंगे। लिहाजा उसकी लाश को ओझा या भगत के पास ले जाया गया होगा। यहां ओझा ने महिला के पैर में कील ठोंकी होगी, लेकिन जब महिला होश में नहीं आ पाई तो उसकी लाश को ओझा की ओर से ही यहां लाकर फेंक दिया गया होगा।
महिला अत्याचार और उत्पीड़न में बिहार शीर्ष राज्यों में है
पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि महिला अत्याचार और उत्पीड़न में बिहार शीर्ष राज्यों में है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शर्म है कि आती ही नहीं! उनके गृह जिला में घटित इस रूह कंपकंपाने वाले वीभत्स कांड और दरिंदगी से भी अगर किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता तो वह इंसान है नहीं! वैसे इस घटना को भी बेशर्म भाजपाई और NDA के सत्तालोलुप लोग राम राज्य की मंगलकारी घटना ही बतायेंगे और कहेंगे कि 15वीं शताब्दी में क्या होता था जी?