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14 Mar 2025, Fri

जिले में राजस्व महा अभियान 2.0 का क्रियान्वयन 31 अगस्त तक: नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती, नक्शा तरमीम, पीएम किसान सैचुरेशन,समग्र ई-के.वाय.सी प्रकरणों का होगा निराकरण

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जिले में राजस्व महा अभियान 2.0 का क्रियान्वयन 31 अगस्त तक: नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती, नक्शा तरमीम, पीएम किसान सैचुरेशन,समग्र ई-के.वाय.सी प्रकरणों का निराकरण होगा ,  जिले में क्रियान्वित हो रहे राजस्व महा अभियान 2.0 के तहत राजस्व न्यायालय आरसीएमएस में समय सीमा पर लंबित प्रकरणों नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दृष्टि का निराकरण, नए राजस्व प्रकरणों को आरसीएमएस पर दर्ज कराना, नक्शे पर तरमीम, पीएम किसान का सैचुरेशन, समग्र का आधार से ई-केवाईसी और खसरे की समग्र आधार से लिंकिंग एवं फार्मर रजिस्ट्री का क्रियान्वयन आदि का कार्य किया जा रहा है।

 कलेक्टर श्री अवि प्रसाद ने राजस्व महाअभियान 2.0 के संबंध में जारी दिशा-निर्देश व अवधि दरमियान क्रियान्वित विभिन्न गतिविधियों खसरों और नक्शे में अमल राजस्व सम्बन्धी सभी प्रकरण आरसीएमएस दर्ज कराने के निर्देश दिये है। ऐसे प्रकरण जो की अभी न्यायालय में ऑफलाईन प्रचलित है, अथवा किसी कारण से नम्बर से उतर गए हों, उन्हें आरसीएमएस पर दर्ज कराने के साथ ही राजस्व न्यायालय में नामांतरण, बंटवारे के आदेश पारित होने के बाद भी राजस्व अभिलेखों खसरा, नक्शे में आदेश का अमल नहीं हुआ है। सभी राजस्व न्यायालय इन आदेशों का अभिलेखों में अमल करते हुए उक्त कार्यवाही 31 जुलाई तक पूरी करने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिए है।

तहसील न्यायालयों का निरीक्षण

जिले में आयोजित हो रहे अभियान के दौरान अनुविभाग अधिकारियों द्वारा अपने क्षेत्राधिकार की सभी तहसीलों, का शत-प्रतिशत निरीक्षण पूर्ण कर यह सुनिश्चित करेंगे कि तहसीलों और टप्पों में त्ब्डै की व्यवस्था विधिवत लागू है, इसके साथ ही न्यायालय में कोई भी प्रकरण ऑफलाइन नहीं है। पूर्व के सभी न्यायालयीन आदेशों का राजस्व अभिलेखों खसरा, नक्शे में अमल किया जा चुका है।

आरसीएमएस पर लंबित प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण

   राजस्व अधिकारियों द्वारा 30 जून 2024 की स्थिति में समय सीमा पार कर चुके लंबित प्रकरणों को चिन्हित किया जाकर नियमित सुनवाई कर नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती के प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा। साथ ही प्राथमिकता से पुराने प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। अभियान के दौरान प्राप्त अविवादित प्रकरणों का निराकरण भी अभियान अवधि में सुनिश्चित करने की कार्यवाही की जाएगी।

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नामांतरण

अभियान के दौरान 30 जून 2024 को समय-सीमा बाह्य के लंबित नामांतरण प्रकरणों (विवादित, अविवादित) का निराकरण सुनिश्चित करते हुए दर्ज प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण करने की कार्यवाही की जायेगी। साथ ही रिकार्ड में दर्ज मृत भू- स्वामियों के उत्तराधिकारियों के पक्ष में नामांतरण का प्रकरण दर्ज नहीं होने की दशा में उत्तराधिकार नामांतरण के प्रकरणों को भी दर्ज कर प्रकरणों का निराकरण करने की कार्यवाही की जाएगी।

बंटवारा

30 जून 2024 को समय-सीमा बाह्य के लंबित बंटवारा प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित करते हुए दर्ज प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। जिससे भूमि की सीमा नक्शे में उपलब्ध होने पर विवादों का निराकरण किया जा सके।

अभिलेख दुरुस्ती

30 जून 2024 को 06 माह की अवधि के लंबित सभी प्रकार के अभिलेखों के शुद्धिकरण के प्रकरणों का निराकरण शीघ्र किया जाना सुनिश्चित किया जायेगा।

नक्शे में तरमीम

 खसरा एवं नक्शा में एकरूपता नहीं होने से सम्बन्धित कृषकों को होने वाली समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए खसरे में बटांकन होने तथा नक्शे में नही होने पर  नामांतरण, बंटवारा आदेश के आधार पर यदि खसरे में तो बटांकन किया गया, परंतु उसकी तरमीम नक्शे पर अमल नहीं किये जाने से नक्शे में दिखाई देने वाली त्रुटि को ग्राम नक्शा में उपलब्ध खसरा बटांकन सूची के अनुसार भूलेख पोर्टल पर नक्शा बटांकन (मैप रेक्टिफिकेशन) मॉड्यूल के माध्यम से पटवारी एवं तहसीलदार द्वारा नक्शे में तरमीम अमल का कार्य किया जाकर सुधार किया जायेगा।

खसरा नंबर का एक से अधिक बार होना

नक्शे के दो पार्सल में एक ही खसरा नंबर दर्ज है, जबकि नक्शा में प्रत्येक पार्सल पर एक यूनीक खसरा नंबर दर्ज होने की त्रुटि से खसरा एवं नक्शा लिंकिंग में समस्या होने और कम्प्यूटर खसरा नंबर का दोहराव होने संबंधी त्रुटि का सुधार भूलेख पोर्टल पर नक्शा संख्या अद्यतन (मैप नंबर, एट्रीब्यूट अपडेट) मॉड्यूल के माध्यम से पटवारी एवं तहसीलदार द्वारा किया जाएगा।

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नक्शे में बटांकन होना एवं खसरे में नही होना

यदि किसी खसरा नंबर के नक्शे में बटांकन दर्ज है किंतु खसरे में मूल नंबर प्रदर्शित हो रहा है तो नक्शे में दर्ज बटांको को मर्ज कर खसरा अनुसार मूल नंबर के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। इस प्रकार की त्रुटि का सुधार भूलेख पोर्टल पर बहुल नक्शा बटांकन (विलेज मैप करेक्शन) मॉड्यूल के माध्यम से तहसीलदार द्वारा किया जाएगा। शामिल खसरे को भिन्न किया जाना सभी शामिल खासरो को बंदोबस्त के रिकॉर्ड एवम वर्तमान खसरा नक्शे के आधार पर रिकॉर्ड दुरुस्त किया जाएगा।

समग्र-ई-केवायसी तथा समग्र से खसरे की लिंकिंग

समग्र वेब पोर्टल, एमपी ऑनलाइन या सीएससी के कियोस्क के माध्यम से समग्र में आधार की ई- केवाईसी कराने की सुविधा नागरिकों को निःशुल्क उपलब्ध रहेगी तथा इस हेतु निर्धारित राशि (रुपये 18 ) संबंधित एमपी ऑनलाइन या सीएससी के कियोस्क को विभाग के द्वारा एमपीएसईडीसी के माध्यम से प्रदान की जायेगी। सभी खातेदारों और उनके परिवार के सदस्यों को समग्र ई-केवायसी करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। लैंड पार्सेल को समग्र से लिंक करने के लिए एक यूटिलिटी विकसित की गयी है, एमपी ऑनलाईन या सीएससी के कियोस्क पर ये सुविधा भी नागरिकों को निःशुल्क उपलब्ध करायी गयी है। तथा इस हेतु भी निर्धारित राशि संबंधित एमपी ऑनलाइन या सीएससी के कियोस्क को विभाग द्वारा एमपीएसईडीसी के माध्यम से प्रदान की जायेगी। लैंड पार्सेल को समग्र से लिंक करने की कार्यवाही इस अभियान के दौरान पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

पीएम किसान सैचुरेशन

पीएम किसान योजना सैचुरेशन हेतु छूटे हुए पात्र हितग्राहियों को योजना में जोड़े जानें के साथ ही अपात्र हितग्राहियों की जानकारी पीएमकिसान पोर्टल पर अद्यतन की जाएगी। लंबित ई-केवायसी की कार्यवाही पीएम किसान ऐप, पीएम किसान पोर्टल के माध्यम से ओटीपी द्वारा सीएससी केन्द्र के माध्यम से बायोमेट्रिक द्वारा अथवा पीएम किसान एप के माध्यम से फेस रिकग्निशन द्वारा पूर्ण किया जाएगा। लंबित आधार बैंक खाता डीबीटी हेतु इनेबल करने की कार्यवाही संबंधित बैकर्स का सहयोग लेकर एवं इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक संबंधी खाता खोलकर पूर्ण की जाएगी। स्वामित्व स्वामित्व योजना के तहत आबादी भूमि के सर्वेक्षण की कार्यवाही 31 अगस्त 2024 तक पूर्ण की जाएगी।

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फार्मर रजिस्ट्री

प्रदेश में फार्मर रजिस्ट्री का प्रबंधन mpfr.agristack.gov.in पोर्टल के माध्यम से प्रारंभ किया जा रहा है, जिसके माध्यम से सुनिश्चित करने का प्रयास रहेगा कि कृषक किसान क्रेडिट कार्ड हेतु ऑनलाइन आवेदन कर सकें एवं नियमानुसार पात्रता होने पर 30 मिनट में राशि किसानों को प्राप्त हो सके साथ ही इसके माध्यम से पीएम किसान योजना हेतु आवेदन भी सुनिश्चित किया जा सकेगा। पीएम किसान योजना हेतु फार्मर आईडी को दिसम्बर 2024 से अनिवार्य किया गया है अतः संलग्न प्रक्रिया अनुसार कृषक स्वयं अथवा पटवारी फार्मर आईडी बनाये जाने की कार्यवाही कर सकते हैं। छूटे हुए पात्र हितग्राहियों का चिन्हांकन भी संबंधित पटवारी द्वारा किया जा सकता है एवं किसान भी उक्त पोर्टल एवं एप के माध्यम से कार्यवाही सुनिश्चित कर सकते हैं। आगामी समय में फार्मर आईडी अन्य योजनाओं में भी अनिवार्य होगा।

 

By Ashutosh shukla

30 वर्षों से निरन्तर सकारात्मक पत्रकारिता, संपादक यशभारत डॉट काम