नई दिल्ली। अगर आपका भी EPFO में खाता है और पीएफ कटता है तो आपके लिए निराश करने वाली खबर है। सरकार ने गुरुवार को हुई एक अहम बैठक में EPFO में आपकी जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज दरों में कटौती का फैसला किया है। हालांकि, श्रम मंत्रालय वित्त वर्ष 2019-20 के लिए Employee Provident Fund (EPF) जमा पर मिलने वाली ब्याज दर 8.65% बनाए रखना चाहता है लेकिन बैठक में इसमें कटौती का फैसला लिया गया और अब इसके बाद यह 8.65 प्रतिशत से घटकर 8.50 प्रतिशत पर आ गई है। सरकार के इस फैसले का सीधा असर देश के करोड़ों कर्मचारियों पर होगा। रिटायरमेंट फंड की संचालक संस्था EPFO के अंतर्गत करीब 6 करोड़ खाताधारक हैं।
आज हुई बैठक में ब्याज दलों में 15 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की गई है और इसके कारण कर्मचारियों को 0.15 प्रतिशत कम रिटर्न मिलने वाला है। हालांकि, इससे पहले खबर आई थी कि सरकार ब्याज दरों में कटौती के पक्ष में नहीं है। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने मीडिया को बताया कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने ब्याज दरों में कटौती का फैसला किया है जिसके बाद वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज दरें 8.5 प्रतिशत रहेंगी।
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए ईपीएफ पर 8.65 परसेंट की दर से ब्याज दिया गया था। इससे पहले इन ब्याज दरों में कटौती के कयास भी लगाए जा रहे थे। इससे पहले वित्त वर्ष 2016-17 के लिए 8.65 परसेंट, 2017-18 के लिए 8.55 परसेंट और 2015-16 के लिए 8.5 परसेंट रही थी।
वित्त मंत्रालय ईपीएफ ब्याज दर को पब्लिक प्रोविडेंट फंड और पोस्ट ऑफिस बचत योजनाओं से जोड़ने की बात कहता रहा है। ब्याज दरों पर फैसला लेने के लिए श्रम मंत्रालय को वित्त मंत्रालय की सहमति की आवश्यकता होती है, जबकि भारत सरकार इसकी गारंटी लेती है।