
Haldiram: स्वाद वही हल्दीराम नई, अब हल्दीराम स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड के नाम से मिली हल्दीराम को नई पहचान। हल्दीराम की नागपुर और दिल्ली शाखाओं को मिलाकर हल्दीराम स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड नाम कंपनी बनाने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। हल्दीराम के सीईओ कृष्ण कुमार चुटानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर यह जानकारी दी। चुटानी ने सोमवार को लिंक्डइन पर लिखा, “हल्दीराम की कहानी में एक नया अध्याय शुरू हो रहा है और यह एक महत्वपूर्ण अध्याय है।” हल्दीराम स्नैक्स प्राइवेट लिमिटेड (दिल्ली) और हल्दीराम फूड्स इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड (नागपुर) के एफएमसीजी कारोबार अब एक साथ मिलकर हल्दीराम स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड (एचएसएफपीएल) बन गए हैं।
Haldiram: स्वाद वही हल्दीराम नई, अब हल्दीराम स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड के नाम से मिली हल्दीराम को नई पहचान
चुटानी ने कहा, “यह सिर्फ एक विलय नहीं है। यह एक नई शुरुआत है, विरासत, जुनून और भविष्य के लिए एक साझा दृष्टिकोण का एक सार्थक मिलन है। जहाँ कालातीत स्वाद साहसिक विचारों से मिलते हैं, और यहाँ से यात्रा और भी रोमांचक हो जाती है।”
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अब तक की जानकारी के अनुसार, दोनों कंपनियों के विलय को पहले ही निष्पक्ष व्यापार नियामक सीसीआई और राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की संबंधित पीठों से 2023 में विनियामक मंजूरी मिल चुकी है। एचएसएफपीएल में दिल्ली इकाई की हिस्सेदारी 56 प्रतिशत है और बाकी की 44 प्रतिशत हिस्सेदारी नागपुर शाखा के पास है।
भारत की सबसे बड़ी पैक्ड स्नैक, मिठाई कंपनी और रेस्तरां संचालक कंपनी से जुड़ा यह अपडेट तीन रणनीतिक निवेशकों- सिंगापुर मुख्यालय वाले वैश्विक निवेश फर्म टेमासेक, अल्फा वेव ग्लोबल और इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (आईएचसी) के साथ साझेदारी की घोषणा के एक सप्ताह बाद सामने आया है।
इस सौदे का ब्यौरा फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया गया है लेकिन उद्योग जगत के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार यह सौदा 10 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 85,000 करोड़ रुपये) के मूल्यांकन पर किया गया है। इसे भारतीय पैकेज्ड फूड उद्योग के लिए सबसे बड़ा सौदा माना जा रहा है। इस सौदे से हल्दीराम को अंतराष्ट्रीय बाजारों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। विशेष रूप से अमेरिका और मध्य पूर्व के बाजारो में जहां जहां बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी रहते हैं।
चुटानी ने कहा, “हम कुछ बड़ा करने की दिशा में सार्थक कदम उठा रहे हैं। भारतीय रसोई से लेकर वैश्विक अलमारियों तक, हम अपनी पहुंच का विस्तार कर रहे हैं और हल्दीराम को विशेष बनाने वाली हर चीज पर कायम हैं।” एफएमसीजी कंपनियों का विलय (जिसमें पैक्ड फूड कारोबार भी शामिल है) बड़े पैमाने पर किया गया है। इससे विकास, सहयोग और नेतृत्व के नए रास्ते खुलेंगे।”
1937 में गंगा विष्ण अग्रवाल की ओर राजस्थान के बीकानेर में एक खुदरा मिठाई और नमकीन की दुकान के रूप में स्थापित हल्दीराम के उत्पाद अब 80 से अधिक देशों में बेचे जाते हैं। 2022 में, यह घोषणा की गई थी कि दिल्ली स्थित हल्दीराम स्नैक्स और नागपुर स्थित हल्दीराम फूड्स इंटरनेशनल के पैकेज्ड स्नैक्स व्यवसायों को पहले अलग किया जाएगा और फिर हल्दीराम स्नैक्स फूड नामक इकाई में विलय कर दिया जाएगा।
Haldiram: स्वाद वही हल्दीराम नई, अब हल्दीराम स्नैक्स फूड प्राइवेट लिमिटेड के नाम से मिली हल्दीराम को नई पहचान