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इडली खाने वाले सावधान! कैंसर के खतरे को लेकर FSSAI ने शुरू की जांच

       

इडली खाने वाले सावधान! कैंसर के खतरे को लेकर FSSAI ने शुरू की जांच। बेंगलुरु में खाने के शौकीनों के लिए चौंकाने वाली खबर है। खासकर होटलों में जाकर इडली का लुत्फ उठाने वाले ग्राहकों को अब काफी सावधान रहना होगा। इसका कारण खाद्य विभाग की तरफ से किए गए परीक्षण में पाया गया तथ्य है।

इडली खाने वाले सावधान! कैंसर के खतरे को लेकर FSSAI ने शुरू की जांच

खाद्य विभाग की जांच से पुष्टि हुई है कि बेंगलुरु के कई होटलों में तैयार की जाने वाली इडली असुरक्षित है। खाद्य विभाग को बेंगलुरू के विभिन्न हिस्सों से इडली के सैंपल लिए थे और उनको लैब में भेजकर टेस्ट कराया।

लैब की रिपोर्ट के मुताबिक 35 से अधिक इडली के नमूने असुरक्षित हैं. बेंगलुरु में कई स्थानों पर इडली बनाने के लिए कपड़े के स्थान पर प्लास्टिक कवर का उपयोग किया जा रहा है. प्लास्टिक का उपयोग न केवल इडली बनाने में किया जा रहा है, बल्कि भोजन परोसने और पैकेजिंग में भी किया जा रहा है. प्लास्टिक शीट गर्मी के संपर्क में आने पर हानिकारक पदार्थ उत्सर्जित करती है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि यह कैंसरकारी है!

प्लास्टिक पेपर पर लगेगा प्रतिबंध

विशेषज्ञों की चेतावनी के बाद खाद्य विभाग ने बेंगलुरू में कई स्थानों से इडली के नमूने इकट्ठा किए हैं. खाद्य एवं मानक विभाग ने बेंगलुरु के विभिन्न हिस्सों से 500 से अधिक इडली के नमूने एकत्र किए, इनमें से 35 से अधिक इडली नमूने असुरक्षित पाए गए. हालांकि अभी कुछ नमूनों का इंतजार किया जा रहा है. खाद्य विभाग पूरी रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद प्लास्टिक पेपर पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है।

गोभी मंचूरियन, गोल गप्पे पर भी लग चुकी है रोक

इससे पहले कर्नाटक के खाद्य विभाग ने गोल गप्पे की गुणवत्ता को लेकर चिंता जताई थी. राज्य में में भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने 260 जगहों से पानीपूरी के सैंपल लिए, जिनमें से 41 सैंपल में नकली रंग और कैंसर पैदा करने वाले तत्व मिले थे. इसके अलावा खाद्य विभाग ने गोभी मंचूरियन, और अन्य फास्ट फूड के खिलाफ कार्रवाई की थी और कहा था कि इनमें रसायनों और कृत्रिम रंगों के इस्तेमाल के कारण कैंसर हो सकता है. रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने रोडामीन-बी नाम के फूड कलर पर प्रतिबंध लगा दिया।

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