भर्ती परीक्षा में धांधली: असिस्टेंट प्रोफेसर भाई के साथ गिरफ्तार; 35-35 लाख में बेचे नकली पेपर

लखनऊ : एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में धांधली का पर्दाफाश किया है. एसटीएफ ने पैसे लेकर अभ्यर्थियों को पास करवाने वाले सगे भाई समेत तीन लोगों को पॉलिटेक्निक ओवरब्रिज के पास से गिरफ्तार किया है.
आरोपियों की पहचान विनय पाल, बैजनाथ पाल और महबूब अली के रूप में हुई है. एसटीएफ अब इस रैकेट से जुड़े बाकी लोगों की तलाश में जुटी है. छात्रों की भूमिका की भी जांच हो रही है. आरोपियों के खिलाफ विभूतिखंड थाने में केस दर्ज किया गया है.
असिस्टेंट प्रोफेसर है मास्टरमाइंड : आरोपियों के पास से 12 लाख रुपए नकद, एक वैगनआर कार, मोबाइल, एडमिट कार्ड और दस्तावेज बरामद हुए हैं. आरोपियों में मास्टरमाइंड बैजनाथ पाल गोंडा के लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर है. विनय पाल, बैजनाथ का छोटा भाई है.
पूछताछ में बैजनाथ ने बताया कि वह फर्जी पेपर बनाकर अभ्यर्थियों को पढ़ाता था. एक पेपर के लिए 35 लाख रुपए तक लिए जाते थे. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि छात्रों को पेपर पढ़ाने के बाद वे सबूत मिटाने के लिए फर्जी प्रश्नपत्र जला देते थे.
परीक्षा में पास कराने का देता था झांसा : बैजनाथ ने बताया, असिस्टेंट प्रोफेसर होने के नाते उसे काफी छात्र जानते हैं. छात्रों के जरिए वह प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी करने वालों को फंसाता था. उन्हें परीक्षा में पास कराने का झांसा देता था.
अभी हाल ही में 16-17 अप्रैल को असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा हुई थी. कुछ अभ्यर्थियों को पास कराने का झांसा देकर जाल में फंसाया. इन्हीं अभ्यर्थियों में रायबरेली के रहने वाले कपिल और सुनील से 35-35 लाख रुपए में सौदा तय किया. दोनों ने 12 लाख रुपये दिए थे.
प्रश्न नहीं आए तो पैसे वापस मांगे : बैजनाथ ने बताया, मेरे पास ओरिजिनल पेपर नहीं था. फर्जी पेपर तैयार कर सुनील और कपिल को पढ़वा दिया. फिर उस पेपर को जला दिया. परीक्षा में प्रश्न नहीं आया, तो सुनील और कपिल ने अपने पैसे वापस मांगे.
बैजनाथ ने पैसे लौटाने से मना कर दिया. इसके बाद कपिल और सुनील ने ये बात अपने घरवालों को बताई. वहीं एसटीएफ को भी इस बात की जानकारी हुई तो जांच पड़ताल शुरू हो गई. एसटीएफ को पता चला कि आरोपी विनय पाल रायबरेली गया था. कपिल और सुनील से पैसे लिया था. उसके हिस्से में इस सौदे से एक लाख रुपए आए.
इसके बाद एसटीएफ ने बैजनाथ पाल के पीछे मुखबिर को लगाया. हर पल बैजनाथ पर नजर रखी जाने लगी. रविवार को जब तीनों साथ मिले तो एसटीएफ ने पकड़ लिया.
नकली पेपर तैयार करने वाला टेक्निकल प्लेयर : अयोध्या के मोतीनगर का रहने वाला आरोपी महबूब अली फर्जी प्रश्नपत्र तैयार करता था. उसे भी अभ्यर्थियों से लिए गए 12 लाख में से एक लाख रुपए मिले थे. सूत्रों के अनुसार, इससे पहले भी वह ऐसे मामलों में शामिल रहा है.