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उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी नगर निगम नहीं कर रहा कार्यवाही, अधिकारी कर्मचारी कर रहे माननीय न्यायालय के आदेश की अवमानना

सिविल लाइन रिहायशी क्षेत्र में अतिक्रमण को लेकर शैलेश कन्हैया तिवारी भाजपा किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष ने नगर निगम द्वारा सुनवाई ना होने पर दायर की थी जनहित याचिका 

कटनी।। शहर की सड़के हों या फिर रिहायशी इलाका सभी जगह पर अतिक्रमण का जाल फैला हुआ हैं, नगर निगम प्रशासन कई बार कार्रवाई तों करता हैं। मगर जमीनी स्तर पर कोई खास अंतर नजर नहीं आया। नगर निगम की इस खानापूर्ति की शिकायत एक जिम्मेदार नागरिक और सत्ताधारी दल के नेता एवं भाजपा किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष पंडित शैलेश कन्हैया तिवारी ने सीएम हेल्प लाइन मे की जिसका नतीजा भी भाजपा किसान मोर्चा के नेता के हस्तक्षेप के बाद कार्रवाई छोड़ निकला जिसके कारण पंडित शैलेश कन्हैया तिवारी को माननीय न्यायालय में एक जनहित याचिका लगानी पड़ी और माननीय न्यायालय ने चंद दिनों का समय देकर कार्रवाई करने का आदेश जारी किया।

दरअसल सिविल लाइन क्षेत्र में भाजपा नेता कन्हैया तिवारी तब जाम में फंसे तब उनकी माता का स्वास्थ्य खराब था और उन्हें अस्पताल जाना था। उन्होंने देखा कि सड़क पर दोनों ओर नाले के ऊपर दो से तीन फिट कब्जा कर पक्का निर्माण कर लिया गया है और सड़क सिकुड़ गई है। घरों के बाहर सड़क पर कार खड़ी है, सिविल लाइन रिहायशी इलाके का व्यावसायिक उपयोग हो रहा है। अवैध पार्किंग और अवैध अतिक्रमण से सड़क छोटी हो चुकी है और हर पल जाम लग रहा है। यह सब किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष शैलेश कन्हैया तिवारी के सिविल लाइन स्थित पैतृक मकान के आसपास की स्थिति है

सड़को पर अवैध अतिक्रमण से नाराज शैलेश कन्हैया तिवारी ने तत्काल सीएम हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत कर अतिक्रमण और अवैध पार्किंग हटाने C.M. हेल्प लाइन में एक शिकायत दिनांक 03.09.2024 को दर्ज कराई थी। जिसका शिकायत क्रमांक 28757284 था परन्तु नगर निगम के अफसरों ने सीएम हेल्पलाइन की शिकायत को भी दरकिनार कर कोई कार्यवाई नहीं की। उन्होंने नगर निगम आयुक्त को लिखित शिकायत की। फिर भी नगर निगम ने कोई एक्शन नहीं लिया। रिहायशी इलाके का व्यवसायिक उपयोग करने के कारण पूरे दिन का आवागमन प्रभावित हो जाता है। हद तो तब हुई जब उन्होंने माननीय उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर की और माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने 4 हफ्ते में अवैध पार्किंग और अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया, फिर भी कटनी का नगर निगम प्रशासन और वहा के अलाअधिकारी कोर्ट के आदेश की भी अवमानना करने से नहीं चुका। जब भाजपा नेता कन्हैया तिवारी को हाई कोर्ट जाने के बाद भी राहत मिलती नहीं दिख रही, तो सोचिये आम आदमी की क्या हालत होती होगी।

माननीय न्यायालय के आदेश पर भी नहीं हो रहा अमल 

जनहित याचिका लगने के बाद हाई कोर्ट के आदेश पर अमल नहीं हो रहा तो इसका दोषी कौन है?नगर निगम प्रशासन या फिर नगर निगम आयुक्त ? सामान्य सी समस्या का समाधान कराने के लिए भाजपा जिलाध्यक्ष किसान मोर्चा अध्यक्ष को हाई कोर्ट में जाकर जनहित याचिका दायर करनी पड़ रही है। इसी बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आम जनता कितनी तकलीफ में है। आखिर नगर निगम प्रशासन उच्चतम न्यायालय के आदेश को भी क्यों नहीं मान रहा है? यह केवल सिविल लाइन स्थित डॉक्टर वैश्य गली की समस्या नहीं है। इसी अव्यवस्था और अराजकता की तस्वीरें आपको शहर के हर गली मोहल्ले में देखने को मिलेगी।अब तों प्रश्न यह है कि माननीय न्यायालय के सवालों के आदेश से रूबरू होते हुए भी अफसर लापरवाह नजर आ रहें हैं और अधिक समय बीत जाने के बाद भी सवालों के जवाब और उनकी समस्याओं के निराकरण के कोई रास्ते नहीं बनें।

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