Door To Door Asha Karykarta: 16 अक्टूबर से घर-घर दस्तक देगी आशा कार्यकर्ता। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के कार्यक्रम के अंतर्गत शासन के निर्देशानुसार जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में कुष्ठ रोगी खोज अभियान 16 अक्टूबर 2023 से 4 नवम्बर 2023 तक चलाया जायेगा। जिसमे खोजी दल में आशा कार्यकर्ता एवं एक पुरुष कार्यकर्ता के माध्यम से घर के सभी सदस्यों की जाँच करके कुष्ठ रोगी की पहचान कर उनका उपचार किया जाता है।
खोजी दल के भ्रमण के दौरान घर के सभी सदस्य अपनी जाँच कराये और निम्नानुसार लक्षण मिलने पर तत्काल उपचार प्रारंभ करें।
कुष्ठ रोग एक साधारण बीमारी है, जो बैक्टीरिया से फैलता है अन्य किसी कारण से नहीं एवं समय पर एम.डी.टी. का उपचार लेने पर विकृति आने की संभावनाये नहीं रह जाती। यह एम. डी. टी. की दवाये सभी शासकीय स्वास्थ्य केंद्र पर निःशुल्क प्रदान की जाती हैैै। कुष्ठ रोग के लक्षण जैसे चमड़ी के रंग से फीके बदरंग, या गुलाबी एक या अनेक दाग का होना और इन दानों में न दर्द होता है न चुभन न ठंडा लगता है, न गरम इन दागो में सुन्नपन व सूखापन सा लगता हो, उन दागों में पसीना न आता हो, चेहरे पर तेलिया, तामिया चमक हो, कानो में गठान मोटापन सा हो सतही तत्रिका (नर्व) में सूजन मोटापन सा हो व टटोलने से उसमें दर्द होता हो जलने पर पता न चलता हो, पैर के तलवे में घाव हो जाये और घाव भरता न हो हाथो की उंगलियों की पकड़ कमजोर हो ।
जाये हाथ पैरो में सुन्नपन व सूखापन सा लगता हो तो कुछ रोग हो सकता है। इसके निदान के लिये अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क कर जिले के शासकीय जिला अस्पताल के कमरा नं. 22 में प्रतिदिन इस बीमारी का जॉच व उपचार निःशुल्क किया जाता है। उपरोक्त एक भी लक्षण मिलने पर आप अपने पास के आशा कार्यकर्ता /आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सीधे जिला चिकित्सालय में संपर्क कर अपनी जाँच करा सकते हैं।
यदि आप ग्रामीण क्षेत्र में है तो अपने निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र / सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र / उपस्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करके अपनी जाँच करा सकते है। चुकी इस रोग में प्रारंभिक अवस्था में कोई परेशानी नहीं होता ।
इसलिए लोग अपनी जाँच कराने नहीं आते और अपनी बीमारी को लोगों से नहीं बताते जिससे बीमारी बढती जाती है। अतः समाज के सभी लोगो जनप्रतिनिधियों स्वयंसेवकों एवं प्राइवेट चिकित्सको से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश अठ्या एवं जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ राजेश केवट अपील करते है कि दलों द्वारा सर्वे के दौरान सभी घर के सदस्य अपनी-अपनी जाँच कराने में सहयोग करे ताकि समाज में छिपे हुये कुष्ठ रोगियों की पहचान कर उनका उपचार किया जा सके। इस बीमारी में प्रारंभिक अवस्था में किसी भी प्रकार का दर्द, बुखार या अन्य परेशानियाँ नहीं होती है
। केवल शरीर में चमड़ी पर हल्के रंग का दाग या धब्बा रहता है। इसलिए रोगी उपचार के लिये चिकित्सालय नहीं जाता और जब यह बीमारी बढ़ जाती है तो तब रोगियो को विकलांगता आने का खतरा रहता है। अतः प्रारंभिक अवस्था में जॉंच व उपचार कराने से विकृति आने की संभावनाये नहीं रह जाती है।
सम्बंधित कोई भी लक्षण मिलने पर उन रोगीयों को जिला अस्पताल के कमरा नं. 22 में व अपने निकटतम शासकीय स्वास्थ्य केंद्र पर भेजने हेतु प्रेरित करे आपका यह सहयोग अपने जिले च प्रदेश को कुष्ठ मुक्त की दिशा में एक सराहनीय योगदान रहेगा।