35 साल पुराने मामले में कोर्ट का फैसला: बेगूसराय डीएम को बड़ा झटकाबिहार के बेगूसराय जिले में प्रशासन की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है. जहां करीब 35 साल के बाद भी एक पीड़ित को न्याय नहीं मिला. इतना ही नहीं न्याय की आस में पीड़ित की पत्नी मौत भी हो गई. पीड़ित ने कोर्ट में जिला प्रशासन के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई है. इसके बाद तेघड़ा न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए बेगूसराय के डीएम का वेतन रोक दिया है एवं तब तक रोके रहने का आदेश जारी किया है जब तक पीड़ित को न्याय न मिल जाए
बेगूसराय जिले की तेघड़ा मुंसिफ कोर्ट ने डीएम का वेतन रोकने का आदेश दिया है. कोर्ट ने जिला कोषागार को आदेश दिया है कि अगले आदेश तक डीएम का वेतन रिलीज न किया जाए. कोर्ट की ओर से जिला कोषागार पदाधिकारी को यह भी निर्देश जारी किया गया है कि इस आदेश की प्राप्ति की तिथि से 7 दिनों के भीतर शपथ पत्र पर तत्काल आदेश का अनुपालन करें.
कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो संबंधित पदाधिकारियों के खिलाफ अवमानना एवं अन्य विधिक कार्रवाई की जाएगी. साथ ही, जिला मजिस्ट्रेट, बेगूसराय को निर्देश दिया गया है कि वे पूर्व के आदेशों का अनुपालन करते हुए अगली सुनवाई की तिथि तक रिपोर्ट प्रस्तुत करें.
जमीन पर कब्जे का मामला
कोर्ट ने यह सख्त निर्देश प्रो. श्यामदेव पंडित सिंह एवं अन्य बनाम दुलारू सिंह एवं अन्य के केस में दिया है. इस मामले की सुनवाई के लिए आज 6 फरवरी, 2025 की तारीख तय हुई थी. केस नंबर 06/1999 श्यामदेव प्रसाद सिंह ने जमीन पर कब्जा पाने के लिए फाइल किया था. श्यामदेव प्रसाद सिंह की जमीन पर दुलारू सिंह का कब्जा था. कोर्ट ने जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए जिला प्रशासन को आदेश दिया था और श्यामदेव प्रसाद सिंह को खर्च के रूप में 49,015 रुपये का भुगतान करने को कहा था.
10 साल बाद भी नहीं हटा कब्जा
श्यामदेव प्रसाद सिंह ने यह रुपए जमा कर दिए थे, लेकिन कोर्ट के आदेश देने के 10 साल बाद भी जिला प्रशासन उनकी जमीन पर कब्जा नहीं दिला पाया. इसके बाद 27 सितंबर, 2024 को कोर्ट ने जिला प्रशासन और जिला पुलिस से रिपोर्ट मांगी. आखिर जिला प्रशासन किन हालात में जमीन पर कब्जा दिलाने में असफल रहा, लेकिन जिला प्रशासन ने कोई जवाब नहीं दिया था. इसके बाद बेगूसराय के एसपी ने 25 जनवरी, 2025 को सुनवाई में भी नहीं बता पाए कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन क्यों नहीं हुआ.
कोर्ट ने डीएम का रोका वेतन
2014 में पटना हाई कोर्ट ने भी श्यामदेव प्रसाद सिंह की जमीन पर कब्जा दिलाने के पक्ष में फैसला दिया था. फिर भी जिला प्रशासन ऐसा करने में नाकाम साबित हुआ. इस मामले में तेघड़ा मुंसिफ कोर्ट ने एसपी, बेगूसराय को निर्देश दिया है कि वे अगली सुनवाई की तिथि तक आदेश का अनुपालन करें और आदेश की एक-एक प्रति उपर्युक्त प्राधिकारियों को भी भेजें. इसके अलावा, इस आदेश की एक प्रति प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, बेगूसराय के माध्यम से रजिस्ट्रार जनरल, उच्च न्यायालय, पटना को भी भेजें.
वही कोर्ट का फैसला आने के बाद अधिवक्ताओं ने भी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक फैसले के बाद अब लोगों के बीच न्यायालय के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा एवं आम लोगों को यह विश्वास होगा कि किसी भी व्यक्ति को न्यायालय के द्वारा न्याय प्राप्त हो सकता है.