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13 Mar 2025, Thu

धार, खरगोन और बड़वानी जिले में इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन का निर्माण, 1 हजार गांवों को फायदा

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धार, खरगोन और बड़वानी जिले में इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन का निर्माण, 1 हजार गांवों को फायदा। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियोजना के लिए तीन जिलों के 77 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। यह परियोजना दोनों राज्यों के बीच कनेक्टिविटी और व्यापार को बढ़ावा देगी।

यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं:

1. परियोजना की लंबाई: 362 किमी
2. परियोजना की लागत: लगभग 10,000 करोड़ रुपये
3. प्रभावित जिले: इंदौर, खारगोन, और खरगोन (मध्य प्रदेश) और जलगांव (महाराष्ट्र)
4. प्रभावित गांव: 77
5. जमीन अधिग्रहण: लगभग 1,200 हेक्टेयर

यह परियोजना दोनों राज्यों के बीच व्यापार और यात्रा को आसान बनाएगी और क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देगी।

बहुप्रतीक्षित इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियोजना में अब जमीनी स्तर पर काम शुरू हो गया है। इस परियोजना में मप्र के तीन जिलों के 77 गांवों से होकर रेल लाइन गुजरेगी।

हाल ही में रेल मंत्रालय ने इन गांवों की जमीन का अधिग्रहण करने के लिए गजट नोटिफकेशन भी कर दिया है। अब जिले के राजस्व अफसर जमीन का आकलन करने में जुट गए हैं ताकि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द पूरी हो और रेल लाइन बिछाने का काम शुरू हो सके।

बता दें कि इस नई रेल लाइन के शुरू हो जाने से धार, खरगोन और बड़वानी जिले के आदिवासी अंचलों से पहली बार रेल गुजरेगी। परियोजना से लगभग एक हजार गांव और 30 लाख आबादी का रेल सेवाओं से सीधा संपर्क जुड़ेगा।

16 जोड़ी पैसेंजर ट्रेन चलेंगी

प्रोजेक्ट पूरा होने पर 16 जोड़ी पैसेंजर ट्रेन का संचालन होगा, जिसमें 50 लाख यात्री शुरुआती वर्षों में सफर करेंगे। हर साल इस प्रोजेक्ट से रेलवे को 900 करोड़ से अधिक का राजस्व मिलेगा। इंदौर से मुंबई की दूरी भी 830 किमी से घटकर 568 किमी रह जाएगी।

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नई रेल लाइन खरगोन, धार और बड़वानी जिले से होकर गुजरेगी। बड़वानी जिले के 39, धार जिले के 28 और खरगोन जिले के 10 गांवों में रेल लाइन बिछाई जाएगी। अब जिला स्तर पर राजस्व विभाग इन गांव की जमीन का आकलन करेगा।

इसके बाद पश्चिम रेलवे भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करेगा। इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन संघर्ष समिति के मनोज मराठे ने बताया इस प्रोजेक्ट के लिए पिछले कई वर्षों से संघर्ष किया जा रहा है। आगामी पांच वर्ष में यह प्रोजेक्ट तैयार होने का लक्ष्य रखा गया है।

इन गांवों की जमीनों का होगा उपयोग

  • धार जिला : राती तलाई, सेवरी माल, सराय तालाब, आंवलिया, चुंडीपुरा बीके, बियाघाटी, आंवलीपुरा, जामदा, झाड़ीबड़ोदा, जलवाय, नागझीरी, लुन्हेराखुर्द, सुंद्रेल, पटलावद, भीखरोन, पंधानिया, ग्यासपुर खेड़ी, एकलारा खुर्द, एकलारा, दुधी, भोंदल, चिकटयावड़, सिरसोदिया, दुंगी, कोठिदा, चौकी, भारूडपुरा बीके और भारूड़पुरा।
  • बड़वानी जिला : सोलवान, मालवान, मालवान बीके, भामन्या, बावदड़, अजनगांव, अजनगांव बीके, नवलपुरा, बनिहार, गोई, कलालदा, जामली, सालीकलां, नांदेड़, मातमुर, बालसमुद, ओजर, सांगवी नीम, देवला, जुलवानिया रोड, निहाली, छोटी खरगोन, वासवी, कुसमारी, मुंडला, रेलवा बुजुर्ग, बंजारी, खजूरी, बघाड़ी, घाटी, अजंदी, हसनखेड़ी, सिकंदर खेड़ी, सेगवाल, उमरदा, शेरपुरा, जरवाह और जरवाह बीके।
  • खरगोन जिला : जारोली, औरंगपुरा, नागंवा, कोठड़ा, ज्ञानपुरा, मोहिदा, मक्सी, भेडल्याबाड़ा, नीमगढ़ और कुसुम्भ्या।

यहां से गुजरेगी रेल लाइन

नई रेल लाइन महू से धार होते हुए धरमपुरी, ठीकरी, राजपुर, सेंधवा, सिरपुर, शिखंडी, धुले, मालेगांव होकर मनमाड़ पहुंचेगी। पूरी परियोजना में 30 नए रेलवे स्टेशन भी बनाए जाएंगे।

इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

  • 309 किमी लंबी लाइन लाइन बिछेगी।
  • 16 हजार 320 करोड़ रुपये लागत।
  • 2028-29 तक पूरी होगी परियोजना।
  • मप्र के चार जिलों से होकर गुजरेगी रेल लाइन।
  • 30 लाख की आबादी का रेल सेवाओं से जुड़ेगा सीधा संपर्क
  • 16 जोड़ी पैसेंजर ट्रेन का संचालन होगा
  • इंदौर-मुंबई के बीच सबसे छोटा रेल मार्ग बनेगा।
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By Usha Pamnani

20 वर्षों से डिजिटल एवं प्रिंट मीडिया की पत्रकारिता में देश-विदेश, फ़िल्म, खेल सहित सामाजिक खबरों की एक्सपर्ट, वर्तमान में यशभारत डॉट कॉम में वरिष्ठ जिला प्रतिनिधि