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14 Mar 2025, Fri

CAA कानून पर रोक लगाने से कोर्ट का इनकार, संविधान पीठ के पास जाएगा मामला

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CAA Hearing in Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को केंद्र सरकार को राहत देते हुए कानून पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया। साथ ही नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की संवैधानिक वैधता परखने की मांग करने वाली याचिकाओं को संविधान पीठ के पास भेजने का फैसला किया है। कोर्ट नेे केंद्र से असम और त्रिपुरा पर अलग-अलग सूची की मांग की है। चीफ जस्‍टिस ने कहा कि अलग-अलग जोन को वर्गीकृत किया जाएगा। सरकार ने इस कानून पर जवाब देने के लिए 6 सप्‍ताह का समय मांगा है।

हम एकपक्षीय रोक नहीं लगा रहे : CJI

सीजेआई ने कहा कि इस कानून पर हम एकपक्षीय रोक नहीं लगा रहे। उन्‍होंने कहा कि सभी याचिकाओं को देख कर फैसला किया है कि कानून पर फिलहाल रोक नहीं लगाई जाए। वहीं कपिल सिब्‍बल ने कानून को दो माह तक लागू न करने व सुनवाई की अगली तारीख फरवरी में सुनिश्‍चित करने की मांग की। अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा, ‘हमें सिर्फ 60 याचिकाओं की कॉपी मिली है। केंद्र सरकार को याचिकाओं की कॉपी दी जाए।‘

कोर्ट में भीड़ पर चिंतित हुए अटॉर्नी जनरल

अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने सुनवाई शुरू होने से पहले कोर्ट में जमा हुई भीड़ पर चिंता व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने इस बारे में कहा, ‘माहौल को शांत होना चाहिए विशेषकर सुप्रीम कोर्ट में। उन्‍होंने चीफ जस्‍टिस बोबडे से कहा कि कोर्ट को कुछ निर्देश जारी करने होंगे कि कौन कोर्ट में आ सकता है कौन नहीं। इसके लिए कुछ नियम निर्धारित करने होंगे। उन्‍होंने यह भी कहा कि अमेरिका व पाकिस्‍तान में सुप्रीम कोर्ट में आने वाले विजिटर्स के लिए नियम हैं।’

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कानून के विरोध में 141 याचिकाएं

बता दें कि मामले की सुनवाई कर रहे चीफ जस्‍टिस एसए बोबडे (Chief Justice SA Bobde), जस्टिस एस अब्दुल नजीर और संजीव खन्ना की बेंच ने केंद्र को विभिन्न याचिकाओं पर नोटिस जारी किया था। मामले में करीब 144 याचिकाओं की सुनवाई होनी है। इनमेेंं सेे 141 याचिकाएं कानून के विरोध में हैं।

इन्‍होंने दी है चुनौती-

इस कानून को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं में मुस्‍लिम लीग (Indian Union Muslim League), कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh), राजद नेता मनोज झा (Manoj Jha), तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra), AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi), जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulama-i-Hind), ऑल असम स्‍टूडेंट्स यूनियन (AASU), पीस पार्टी (Peace Party), SFI, और CPI भी शामिल हैं।

 

By Ashutosh shukla

30 वर्षों से निरन्तर सकारात्मक पत्रकारिता, संपादक यशभारत डॉट काम

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