Budget 2025 : राष्ट्रपति से पेश करने की अनुमति लेने से संसद की मंजूरी तक, बजट के दिन सुबह से शाम तक क्या-क्या होगा? 1 फरवरी को बजट भाषण से पहले क्या-क्या होगा? इसके अलावा बजट भाषण के दौरान और इसके बाद सरकार क्या-क्या करती है? संसद बजट के एलान को लेकर क्या कर सकती है? आइये जानते हैं…
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करेंगी। इस दौरान पूरे देश की नजर सरकार की तरफ से होने वाले एलानों पर रहेगी। खासकर अगले एक साल तक की योजनाओं और नीतियों को लेकर चर्चा-परिचर्चा का दौर शुरू हो जाएगा।
इस बीच यह जानना अहम है कि 1 फरवरी को बजट भाषण से पहले क्या-क्या होगा? इसके अलावा बजट भाषण के दौरान और इसके बाद सरकार क्या-क्या करती है? संसद बजट के एलान को लेकर क्या कर सकती है? आइये जानते हैं…
- बजट भाषण से पहले क्या-क्या होता है?
भारत में बजट पेश होने के दिन (1 फरवरी को)…
1 फरवरी की सुबह 8.40 के आसपास वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने आवास से निकलकर वित्त मंत्रालय पहुंचेंगी। वित्त मंत्री 9 बजे के करीब अपनी बजट टीम के साथ वित्त मंत्रालय के बाहर फोटो सेशन कराएंगी।
इसके बाद वह राष्ट्रपति की मंजूरी लेने के लिए रवाना होंगी। वहां वे राष्ट्रपति के साथ मुलाकात के बाद वित्त मंत्री और राज्यमंत्री के साथ संसद भवन पहुंचेगी। यहां फिर से बजट के साथ सभी नेताओं का फोटो सेशन होगा। इसके बाद वे कैबिनेट की बैठक में शामिल होकर बजट की मंजूरी लेगी।
2. बजट भाषण के दौरान क्या हैं नियम?
लोकसभा में सुबह 11 बजे वित्त मंत्री की तरफ से बजट पेश किया जाता है। वित्त मंत्री इसके लिए बजट की योजनाओं और नीतियों को बोलकर पेश करती हैं। इसी लिए इसे ‘बजट भाषण’ कहा जाता है।
आमतौर पर वित्त मंत्री बजट भाषण अपने स्थान पर खड़े होकर ही पढ़ती हैं। अब तक के इतिहास को देखा जाए तो निर्मला सीतारमण ने भारत के इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण दिया है।
स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे छोटा बजट भाषण 1977 में हीरूभाई एम. पटेल ने दिया था। उन्होंने केवल 800 शब्दों का अंतरिम बजट भाषण दिया था।
क्या रही है निर्मला सीतारमण के भाषणों की अवधि?
आमतौर पर वित्त मंत्रियों के भाषण की औसत अवधि अब तक 60 मिनट से 120 मिनट तक रही है। हालांकि, कुछ मौकों पर बजट भाषण की अवधि एक घंटे से कम और कई मौकों पर दो घंटे के पार भी पहुंची है।
साल 2019 में, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2019-2020 के लिए अपना पहला बजट पेश किया था। उस भाषण के साथ, उन्होंने सबसे लंबे बजट संबोधन का रिकॉर्ड तोड़ दिया। वह दो घंटे 17 मिनट तक बोली थीं।
अगले साल, उन्होंने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया जब उन्होंने वर्ष 2020-21 के लिए बजट पेश करते हुए दो घंटे 42 मिनट तक बात की। और वह पूरा भाषण भी नहीं था! स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण जब उन्हें अपना भाषण छोटा करना पड़ा, तो उनके पास दो पेज बचे थे।
2021-22 में उनका बजट भाषण 100 मिनट लंबा था। वहीं निर्मला सीतारमण ने साल 2022-23 के बजट में कुल डेढ़ घंटे ही बोली थीं।
बजट भाषण के बाद क्या है प्रक्रिया?
परंपरा के मुताबिक, संसद में बजट भाषण के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री और वित्त राज्य मंत्री, वित्त सचिव और वित्त मंत्रालय से जुड़े अन्य सचिव एक पोस्ट बजट पत्रकार वार्ता में शामिल होते हैं। वे यहां बजट को लेकर मीडिया के सवालों से मुखातिब होते हैं और इसे लेकर सभी संशय और अहम बिंदुओं पर जानकारी देते हैं।
वित्त मंत्री प्रेस मीट के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय निदेशक बोर्ड को संबोधित करती हैं। वे उन्हें केंद्रीय बजट से जुड़ी अहम बातों से अवगत कराती हैं। इसमें राजकोष एकत्रित करने के रोडमैप से लेकर पूंजीगत व्यय नीति तक के बारे में भी बताया जाता है। वित्त मंत्री बजट भाषण के दौरान किए गए एलानों पर भी चर्चा करती हैं। यह भी भारत में बजट के बाद की परंपरा का ही हिस्सा है।
बजट के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगे। शाम 5-6 बजे के बीच वित्त मंत्री डीडी न्यूज को इंटरव्यू देने वाली हैं। इसके बाद वे निजी चैनल को भी इंटरव्यू देंगी।