Board exam alert: नकल माफिया पर योगी सरकार का बड़ा प्रहार, जिंदगी भर की सजा और 1 करोड़ का जुर्माना। उत्तर प्रदेश में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा 24 फरवरी से शुरू होने जा रही है. ऐसे में परीक्षा में नकल करने वालों और कराने वालों पर सरकार काफी सख्त नजर आ रही है।
अगर कोई परीक्षार्थी नकल करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे अगले साल भी पेपर नहीं देने दिया जाएगा. इसके अलावा नकल माफियाओं को एक करोड़ का जुर्माना और आजीवन कारावास की सजा भी हो सकती है।
24 फरवरी से यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा शुरू होने जा रही हैं. इस बार बोर्ड परीक्षा को नकल विहीन कराने के लिए सरकार कुछ सख्त कदम उठाने जा रही है. बोर्ड परीक्षा के दौरान अगर कोई परीक्षार्थी नकल करते हुए पाया जाता है तो उसे अगले साल भी परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा. इसके अलावा नकल माफियाओं और पेपर लीक में शामिल मिलने पर एक करोड़ का जुर्माना लगाया जाएगा।
सहारनपुर के DM मनीष बंसल ने 24 फरवरी से शुरू होने जा रही यूपी बोर्ड परीक्षा की तैयारियों को लेकर बताया कि उत्तर प्रदेश में परीक्षा में नकल और पेपर लीक पर रोक लगाने के लिए सरकार ने सख्त फैसला लिया है. इस बार की परीक्षा में जो छात्र नकल करते हुए पाया जाता है. उसे अगले साल भी परीक्षा नहीं देने दी जाएगी।
साथ ही नकल माफियाओं और पेपर लीक करने वालों के खिलाफ नए प्रावधान के तहत एक करोड़ तक का जुर्माना लगाया जाएगा, साथ ही आजीवन कारावास भी हो सकता है. यही नहीं नकल माफियाओं की संपत्तियों को भी कुर्क किया जाएगा।
अलगे साल भी नहीं दे सकेंगे परीक्षा
कुछ समय पहले ही उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 लाया गया था. इसके तहत छात्र प्रस्तावित इस कानून में कारावास या जुर्माने के दण्ड की परिधि में नहीं होंगे. उनका सिर्फ परीक्षा परिणाम रोककर उन्हें एक साल के लिए अगली परीक्षा में हिस्सा लेने से रोक दिया जाएगा।
नकल, पेपर लीक जैसे अपराधों के अलावा फर्जी वेबसाइट बनाना, फर्जी परीक्षा आयोजित करना, फर्जी प्रवेश पत्र जारी करना, फर्जी प्रश्न पत्र को वास्तविक प्रश्न पत्र के रूप में संबंधित परीक्षा से पहले प्रसारित करना भी अपराध होगा।