भोपाल। bhopal मनुआभान की टेकरी के पीछे आठवीं की छात्रा के साथ रेप Rape ओर हत्या Murder केआ रोपी डीएनए DNA रिपोर्ट निगेटिव हैं। अब पुलिस पर सवाल खड़े हुए हैं कि क्य अफसरों की साख में बलि का बकरा अविनाश साहू और जस्टिन राज, अफसरों ने थाने में की पुलिस के दबाव से अपराध कुबूल लिया था?
भोपाल जिला न्यायालय मजिस्ट्रेट ने पुलिस अफसरों की फटकार लगाई एवं कहा, अब तक सागर फोरेंसिक लैब रिपोर्ट पर होते आए फैसले, इस मामले में क्यों मनमानी पर उतारू हो। क्या अपनी मनमर्जी मुताबिक तीसरी बार रिपोर्ट बनवाकर ही कोर्ट में पेश करोगे ।
दरअसल डीएनए DNAरि पोर्ट निगेटिव का मतलब दोनों के ब्लड और (सीमन) वैजाइनल स्वाव रिपोर्ट का मिलान नही हुआ। सागर फोरेंसिक लैब से दो बार आई डीएनए रिपोर्ट में खुलासा हुआ, अब पुलिस अफसरों के हाथ-पैर फूले है। डीएनए DNA रिपोर्ट गले की फांस बन रही है। जानकारी के अनुसार अब चंद बड़े अफसर इस किरकिरी और बदनामी से बचने गुपचुप तरीके से हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों की ले रहे मदद ले रहे हैं।
पुलिस अफसरों ने अपने मुताबिक रिपोर्ट बनवाने घालमेल करने तीसरी मर्तबा अब रिपोर्ट को हैदराबाद के बाद दिल्ली भेजा गया, सागर फोरेसिंक लैब की रिपोर्ट पर पुलिस को भरोसा नही था।
दोनों में कौन सही-झूठा पुलिस अफसर या फिर सागर की फोरेंसिक लैब जो अब तक ऐसी कितनी डीएनए रिपोर्ट सिद्ध कर हजारों गुनहगारों को ता-उम्र सलाखों के पीछे और 29 आरोपियों को फांसी के फंदे तक पहुंचा चुकी हैैं यह प्रश्न उठना लाजिमी है।
बहरहालअब पुलिस अफसर अपनी साख बचाने के लिए दोनों युवकों की तरह पुलिस के निचले अमले को बलि का बकरा बनाने की तैयारी में जुटे हैं।