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15 Mar 2025, Sat

Rakhi Bandhne ka shubh muhurat आइए जानते हैं कल सोमवार को राखी बांधने का एकदम सही समय कौन सा है

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Jaaniye Rakhi Bandhne ka shubh muhurat आइए जानते हैं इस साल मतलब कल सोमवार को राखी बांधने का एकदम सही समय कौन सा है तो हम आपको बताते हैं कि कल रक्षाबंधन के त्यौहार पर राखी बांधने का शुभ समय दोपहर 1.24 बजे से शाम 6.25 बजे तक है। इसके अलावा राखी बांधने का शुभ समय प्रदोष काल में शाम 6.56 बजे से रात 9.08 बजे तक है। इस दौरान रक्षा सूत्र बांधने से भाइयों को लंबी उम्र के साथ सुख-समृद्धि भी प्राप्त होती है।

ज्ञात है कि इस बार रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के दिन बहनें भाई की कलाई पर स्नेह और प्रेम का सूत्र बांधती हैं और साथ ही उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं।

जानकारों की मानें तो, रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा. माना जाता है कि भद्रा जैसी अशुभ घड़ी में राखी नहीं बांधनी चाहिए.

आपको जानना जरूरी है कि इस बार तमाम ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 19 अगस्त की रात 2 बजकर 21 मिनट पर भद्रा लग जाएगी. सुबह 09 बजकर 51 मिनट से 10 बजकर 53 मिनट तक पर भद्रा पुंछ रहेगा. फिर, सुबह 10 बजकर 53 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक भद्रा मुख रहेगा. इसके बाद, भद्रा का समापन दोपहर 1 बजकर 30 पर होगा.

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, भद्रा को बहुत ही अशुभ समय माना जाता है और इस काल कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. और 19 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 30 मिनट के बाद ही राखी बांधी जा सकती है।

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रावण की बहन ने भद्राकाल में ही उनकी कलाई पर राखी बांधी थी

रक्षाबंधन पर भद्राकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए. इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है। ऐसा कहा जाता है कि लंकापति रावण की बहन ने भद्राकाल में ही उनकी कलाई पर राखी बांधी थी और एक वर्ष के अंदर उसका विनाश हो गया था। ऐसा कहा जाता है कि भद्रा शनिदेव की बहन थी। भद्रा को ब्रह्मा जी से यह श्राप मिला था कि जो भी भद्रा में शुभ या मांगलिक कार्य करेगा, उसका परिणाम अशुभ ही होगा.

रक्षाबंधन पूजन (Raksha Bandhan Pujan Vidhi)

राखी बांधने से पहले बहन और भाई दोनों उपवास रखें. इस दिन पहले एक थाल ले लें थाल में रोली, चंदन, अक्षत, दही, रक्षासूत्र और मिठाई रखें, घी का एक दीपक भी रखें. रक्षासूत्र और पूजा की थाल सबसे पहले भगवान को समर्पित करें. इसके बाद भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुंह करवाकर बैठाएं. उसके बाद पहले भाई को तिलक लगाएं और फिर रक्षासूत्र बांधें।

 

By Ashutosh shukla

30 वर्षों से निरन्तर सकारात्मक पत्रकारिता, संपादक यशभारत डॉट काम