एजेंसी, नई दिल्ली (Delhi Assembly election 2025)। दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान होने के बाद राजधानी का सियासी पारा चढ़ने लगा है। ताजा खबर यह है कि INDIA गठबंधन के अन्य दल मिलकर कांग्रेस को अलग-थलग करने में जुट गए हैं।
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समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि वे दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का समर्थन करेंगे और अरविंद केजरीवाल के समर्थन में उनके साथ मंच भी साझा करेंगे। इसी तरह, पश्चिम बंगाल में टीएमसी नेता कुणाल घोष ने दिल्ली में एक बार फिर आम आदमी पार्टी की सरकार बनने की उम्मीद जताई है।
खुल्लम-खुल्ला AAP के समर्थन में अखिलेश… क्या है पर्दे के पीछे की रणनीति
- अखिलेश यादव ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी मजबूत स्थिति में है। यहां भाजपा को आम आदमी पार्टी ही हरा सकती है। मैं आम आदमी पार्टी के लिए प्रचार करूंगा।
- अखिलेश यादव के खुल्लम-खुल्ला आम आदमी पार्टी के साथ आने के पीछे की रणनीति को लेकर अटकलों का दौर भी शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि अखिलेश की नजर 2027 के यूपी विधानसभा चुनावों पर है।
- अखिलेश ने स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि अगले यूपी चुनावों में समाजवादी पार्टी फ्रंट फुट पर आकर चुनाव लड़ेगी। यानी बड़े भाई की भूमिका में रहेगी। कांग्रेस के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
- अखिलेश ने कांग्रेस नेतृत्व को यह संदेश भी दिया है कि जिस तरह अपने मजबूत राज्यों में कांग्रेस का जैसा रुख साथी दलों के साथ रहता है, वैसा ही अब उसे अन्य राज्यों में सहना पड़ेगा।
अखिलेश के बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया
अखिलेश यादव के बयान पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस बार दिल्ली में समाजवादी पार्टी का वोट कांग्रेस को मिलेगा। दिल्ली की जनता कांग्रेस को विजयी बनाने जा रही है, क्योंकि उसे शीला दीक्षित का समय याद आ रहा है।
संदीप दीक्षित ने आगे कहा, राष्ट्रीय स्तर पर INDIA गठबंधन को लेकर सपा का रुख जो भी हो, लेकिन दिल्ली में उसका पक्का वोट बैंक कांग्रेस को मिलने जा रहा है।
क्या है आम आदमी पार्टी की रणनीति
आम आदमी पार्टी का आरोप है कि दिल्ली में कांग्रेस, भाजपा के साथ मिलकर केजरीवाल को हराने की साजिश रच रही है। कांग्रेस ने ऐसे प्रत्याशी उतारे, जिनका फायदा भाजपा को मिलेगा।
बीते दिनों, दिल्ली कांग्रेस के नेताओं ने केजरीवाल और अन्य आप नेताओं को लेकर जो टिप्पणियां की, उससे भी नाराजगी है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री आतिशी और संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि कांग्रेस ने अपने नेताओं पर लगाम नहीं लगाई, तो वह INDIA गठबंधन के अन्य दलों से चर्चा कर कांग्रेस को गठबंधन से बाहर करने की मांग करेंगे।
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