Aerial Bomb In Ordnance Factory Jabalpur: वायुसेना के लिए एरियल बम बनाने की तैयारी में जुटी OFK, ओएफजे नए वित्त वर्ष में अपने महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को लेकर काफी पहले से तैयारियों में जुटा हुआ है। हालांकि निर्माणी ने अगले पांच साल की योजना के अनुरूप प्लान पर कार्य कर रही है। जिसमें रक्षा क्षेत्र में मांग के अनुरूप उत्पादन को प्रमुखता दी गई है। वायुसेना के साथ ही साथ थल व जल क्षेत्र में सैन्य क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है।
एरियल बम इसी योजना का एक भाग
एरियल बम इसी योजना का एक भाग है। जिसमें पहले निर्माणी वायुसेना के लिए 120 किग्रा क्षमता के बम बनाती थी। लेकिन इस बार एक कदम ओर आगे बढ़ाते हुए इसकी क्षमता बढ़ाकर 250 किग्रा एरियल बम के उत्पादन को लक्ष्य कर कार्य किया जा रहा है। इसे लेकर तैयारी पूरी है बस इंतजार करार को हरीझंडी मिलने का है। सूत्रों की मानें तो संभवत: वायुसेना से ही फाइनल डील होगी, दूसरे सहयोगी के रूप में एमआइएल भी हो सकता है।
प्रति बम के हिसाब से वर्तमान में 2 से तीन लाख रुपये के आसपास
ओएफजे में बनने वाले 250 किग्रा वजन के एरियल बम पर खर्च प्रति बम के हिसाब से वर्तमान में 2 से तीन लाख रुपये के आसपास है। पूर्व में 120 किग्रा वजन के एरियल बम इससे थोड़ा कम कीमत में बने थे। हालांकि ओपन मार्केट को ध्यान में रखते हुए इसकी कॉस्ट पांच प्रतिशत से कम या ज्यादा हो सकती है। इसके लिए 210 वर्कर की एक कुशल टीम तैयार की है। साथ ही सपोर्ट स्टाफ में 64 को शामिल किया गया है।
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री जबलपुर (ओएफजे) भारतीय वायुसेना के लिए शक्तिशाली 250 किग्रा क्षमता के एरियल बम का उत्पादन करने की तैयारी में जुटा हुआ है। यह पहली बार होगा इस क्षमता के बमों को फैक्ट्री आकार देगी। इससे पहले ओएफजे 120 किग्रा क्षमता के करीब 200 बम भारतीय वायुसेना के लिए अपनी सहयोगी इकाई मुरादनगर फैक्ट्री को बनाकर दिए थे।
210 वर्कर की एक कुशल टीम तैयार
ओएफजे ने इसके लिए 210 वर्कर की एक कुशल टीम तैयार की है। साथ ही सपोर्ट स्टाफ में 64 को शामिल किया गया है। करीब दो से तीन लाख रुपये प्रति बम लागत वाले एरियल बम के उत्पादन को लेकर फैक्ट्री काफी उत्साहित है और इससे उसकी कार्यक्षमता में भी इजाफा होगा। महत्वपूर्ण है कि नए वित्त वर्ष 2024-25 के लिए करार के बाद करीब 1000 बम का उत्पादन ओएफजे करेगा।