मवेशियों को ठंड से बचाने के लिए अपनाएं ये 10 उपाय वर्ना कम हो जाएगा दूध, यहाँ जाने टिप्स

मवेशियों को ठंड से बचाने के लिए अपनाएं ये 10 उपाय वर्ना कम हो जाएगा दूध, यहाँ जाने टिप्स। देश के कई राज्यों में जनवरी के तीसरे सप्ताह में ठंड का सितम लगातार जारी है. कई राज्यों में अच्छी-खासी ठंड पड़ रही है. देश के कई राज्यों में ठंड और शीतलहर का प्रकोप बढ़ते जा रहा है. शीतलहर के सितम से आमजन तो परेशान हैं ही, साथ में किसान और पशुपालक भी काफी परेशान हैं. पशुओं के लिए ये शीतलहर कई मायनों में हानिकारक होती है. खास बात यह है कि मौसम में बदलाव का असर मवेशियों पर भी दिखने लगा है. ऐसे में डेयरी व्यवसाय में ज्यादा नुकसान ना हो इसके लिए अपने मवेशियों को बचाने के लिए उनका खास ख्याल रखने की जरूरत है. हम आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं जो दुधारू पशुओं को सर्दी से बचा सकते हैं.
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सर्दीयों में पशुओं की अच्छी तरह से देखरेख करने की जरूरत
मवेशी बेजुबान होते हैं. वह अपनी तकलीफ किसी के साथ शेयर नहीं कर सकते. ऐसे में उनकी पीड़ा समझकर उनकी देखभाल करनी जरूरी है. मवेशियों की सबसे ज्यादा मौत ठंड में होती है. ऐसे में मवेशियों की परेशानी को संकेतों से समझना चाहिए. विशेषज्ञों की मानें तो अधिक ठंड पड़ने पर मवेशियों को ठंड लगने की संभावना बढ़ जाती है. वहीं उन्हें कई बीमारियां भी हो सकती हैं. कई बार तो ठंड से मवेशियों का पेट भी खराब हो जाता है. इससे वे कमजोर हो जाते हैं. ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं जो दुधारू पशुओं को सर्दी से बचा सकते हैं.
मवेशियों को ठंड से बचाने के लिए अपनाएं ये 10 उपाय वर्ना कम हो जाएगा दूध, यहाँ जाने टिप्स
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मवेशियों को ठंड से बचाने के लिए करें ये 10 उपाय
- अगर आपके मवेशियों में किसी प्रकार के कुछ लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो तुरंत उसका प्राथमिक उपचार करें. साथ ही उन्हें पशु चिकित्सक से इलाज करवाएं क्योंकि मवेशी अपनी तकलीफ को बोलकर बयां नहीं कर सकते हैं.
- अगर आपके मवेशियों में सर्दी के लक्षण दिखे तो अपने तहसील या जनपद में मौजूद पशु चिकित्सालय में विशेषझों से संपर्क कर सकते हैं.
- अगर मवेशियों को सर्दी में खुरपका या मुंहपका बीमारी हो जाए तो चिकित्सालय जाकर उसका टीकाकरण करवाएं. इसका टीका पशुपालकों को मुफ्त में मिलता है.
- ठंड के दिनों में मवेशियों को अधिक बरसीम खिलाने से अफरा हो सकता है. अफरे से बचाव के लिए मवेशियों को बरसीम में सूखा चारा मिलाकर खिलाना चाहिए.
- सर्दी में मवेशियों को संतुलित आहार के साथ पोषक तत्व खिलाना चाहिए, साथ ही नमक और गुड़ का घोल बनाकर पिलाना चाहिए.
- मवेशियों के रहने वाली जगह पर ठंड में नमी न होने दें. नमी होने पर जानवरों पर ठंड का प्रभाव और बढ़ेगा. इससे आपका दुधारू पशु बीमार पड़ सकता है. जिससे दुग्ध उत्पादन में कमी आ सकती है.
- वहीं सर्दी के दिनों में दुधारू मवेशियों को थनैला रोग से बचाने के लिए पूरा दूध निकालें और दूध दोहन के बाद कीटनाशक घोल से धो दें. इससे मवेशियों में थनैला रोग का खतरा नहीं होता है.
- बढ़ती हुई सर्दी को देखते हुए इस बात का भी ध्यान दें कि मवेशियों का ओढ़नी सूखा हो. साथ ही बिछावन वाली पुआल भी सूखी हो.
- मौजूदा मौसम को देखते हुए मवेशियों को सर्दी से बचाने के लिए सुबह-शाम पशुओं को जूट का बोरा ओढ़ाएं. साथ ही जिस जगह पर मवेशी बांधे जाते हैं, वहां पर आग जलाकर भी उन्हें गर्म रख सकते हैं.
- मवेशियों की सबसे अधिक मौत सर्दी के मौसम में होती है. ऐसे में उन्हें ठंड से बचाने के लिए आप पुआल का सहारा ले सकते हैं. जिस जगह पर मवेशी बांधे जाते हैं, उस कमरे के फर्श पर आप पुआल बिछा दें. पुआल की वजह से मवेशी को गर्मी मिलती है.