सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे स्कूल, महंगी किताबों की खरीद के लिए मजबूर अभिभावकों ने जिला कलेक्टर को दी शिकायत

सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे स्कूल, महंगी किताबों की खरीद के लिए मजबूर अभिभावकों ने जिला कलेक्टर को दी शिकाय
कटनी। शहर के कई प्रतिष्ठित स्कूलों द्वारा महंगी निजी पुस्तकों की खरीद के लिए बाध्य किए जाने को लेकर अभिभावकों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।
नीति ठाकुर, प्रियंका गौड़, रश्मि अग्रवाल, आस्था अग्रवाल, संदीप नायक और ईशान जैन ने आरोप लगाया है कि स्कूल प्रशासन सरकार द्वारा अनिवार्य एनसीईआरटी पुस्तकों की अनदेखी कर अपने फायदे के लिए महंगी निजी किताबें खरीदने पर ज़ोर दे रहा है।
ज्ञापन में अभिभावकों ने यह भी कहा कि सरकारी नियमों के अनुसार स्कूल केवल एनसीईआरटी पुस्तकों के पूरक के रूप में, आवश्यकता पड़ने पर, कुछ निजी किताबें पाठ्यक्रम में शामिल कर सकते हैं। परंतु, स्थानीय निजी स्कूलों का अधिकांश ध्यान एनसीईआरटी पुस्तकों के स्थान पर अपने निजी पाठ्यक्रम को प्राथमिकता देने पर है।इससे न केवल सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन हो रहा है, बल्कि यह माता-पिता पर आर्थिक बोझ भी डाल रहा है और शिक्षा में समान अवसरों की अवधारणा को भी बाधित कर रहा है।अभिभावकों ने कलेक्टर से इस मुद्दे की तुरंत जांच करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि स्कूल प्रशासन सरकार के नियमों का पालन करें।
गौरतलब है कि हाल ही में प्रदेश के शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने घोषणा की थी कि सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य होंगी। उन्होंने कहा है कि यह कदम नई शिक्षा नीति के तहत उठाया गया है। सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों को कुछ स्थानीय किताबें शामिल करने की छूट रहेगी, लेकिन एनसीईआरटी की किताबों का उपयोग अनिवार्य होगा।