एमपी में भ्रष्टाचार के आरोपियों को विभागीय मंजूरी नहीं मिलने से 283 मामले लंबित
एमपी में भ्रष्टाचार के आरोपियों को विभागीय मंजूरी नहीं मिलने से 283 मामले लंबित

एमपी में भ्रष्टाचार के आरोपियों को विभागीय मंजूरी नहीं मिलने से 283 मामले लंबित। मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामलों में 283 प्रकरणों में लोकायुक्त पुलिस को अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली है। यह प्रकरण राजस्व विभाग, गृह विभाग, और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से जुड़े हुए हैं। इनमें अधिकतर मामले रिश्वत, आय से अधिक संपत्ति, और पद के दुरुपयोग से संबंधित हैं।
एमपी में भ्रष्टाचार के आरोपियों को विभागीय मंजूरी नहीं मिलने से 283 मामले लंबित
भ्रष्टाचार के मामले में सरकार कठोर और त्वरित कार्रवाई की बात करती है, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपितों के विरुद्ध न्यायालय में प्रकरण चलाने के लिए संबंधित विभागों से स्वीकृति नहीं मिल रही है। स्थिति यह है कि विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त में आरोपितों के विरुद्ध दर्ज 283 प्रकरणों में अभियोजन की स्वीकृति नहीं मिली है।
एक प्रकरण में एक से लेकर 10 तक और कुछ में तो इससे भी अधिक आरोपित है। इनमें अधिकतर प्रकरण राजस्व विभाग, गृह विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के हैं। सर्वाधिक प्रकरण रिश्वत, इसके बाद आय से अधिक संपत्ति और फिर पद के दुरुपयोग के हैं।