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विद्यार्थियों को मिला प्रशिक्षण: केंचुआ खाद निर्माण और छत पर बागवानी का तकनीकी ज्ञान

       

कटनी। प्रधानमंत्री कॉलेज आफ एक्सीलेंस शासकीय तिलक स्नातकोत्तर महाविद्यालय कटनी में मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत शिक्षा के साथ स्वरोजगार स्थापित करने कृषि को लाभ का धंधा बनाने कम लागत तकनीकी जीरो बजट फार्मिंग के अंतर्गत प्राचार्य डॉ सुनील बाजपेई के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉक्टर व्ही के द्विवेदी के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा विद्यार्थियों को जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ग्राम में उपलब्ध कचरा एवं गोबर फसल अवशेष पत्तियां डंठल खरपतवार नींदा आदि को 30 से 45 दिन में आइसीनीया फोटीडा केंचुआ खाद बना देते हैं। प्रति एकड़ 8 से 10 क्विंटल केंचुआ खाद की आवश्यकता होती है। जिसमें सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। भूमि की गुणवत्ता में सुधार जलधारण क्षमता में वृद्धि तथा फसलों में कीट एवं रोग कम लगते हैं फलों सब्जियों और अनाजों का उत्पादन बढ़ जाता है पौष्टिक स्वादिष्ट रंग एवं आकार अच्छा हो जाता है। भूमि में पाए जाने वाले नाइट्रोजन फास्फोरस और पोटाश कैल्शियम एवं अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व की उपलब्धता बढ़ती है ऐसा पाया जाता है कि मिट्टी में नाइट्रोजन 7 गुना फास्फोरस 11 गुना एवं पोटाश 14 गुना बढ़ता है।

केंचुआ एवं केंचुआ खाद का उपयोग मिट्टी की दृष्टि से पर्यावरण की दृष्टि से लाभ एवं कृषकों की दृष्टि से लाभ। केंचुआ एवं केंचुआ खाद से वार्षिक आय तथा विभिन्न फसलों में उपयोग की विधि का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया।

छत पर उद्यानिकी को रूफ टॉप गार्डन या टेरेस गार्डन के रूप में जाना जाता है छत पर उद्यान की की विधि के अंतर्गत छत पर बागवानी के लिए गमले की तैयारी गमलों की भराई एवं जगह का चुनाव गमलों को रखने का तरीका टेरेस गार्डनिंग के लिए उपयुक्त पौधे सब्जियां फलों एवं फूलों के पौधे पत्तेदार सब्जियां जड़ी बूटियां शोभादार पौधे तथा खाद एवं पोषक तत्व सिंचाई खरपतवार नियंत्रण कीट एवं रोग प्रबंधन का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया।

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