2023 Raksha Bandhan Shubh Muhurt: आज रात नौ बजकर दो मिनट के बाद ही भाई की कलाई पर राखी बांधना सबसे अच्छा समय होगा। यह कहना है शास्त्रों के जानकारों का।
श्रावणी पूर्णिमा पर बुधवार को रात नौ बजकर दो मिनट के बाद राखी बांधना शास्त्र सम्मत रहेगा। इसी दिन सुबह 10 बजकर 59 मिनट के बाद श्रावणी उपाकर्म व नूतन यज्ञोपवीत धारण किया जा सकता है। यह निर्णय उज्जयिनी विद्वत्परिषद की बैठक में धर्मशास्त्र के जानकारों ने लिया। लोग इसी के उक्त समय पर शुभ मूहर्त में त्योहार मना सकते हैं।
इस बार रक्षाबंधन पर सुबह से रात तक भद्रा होने से श्रावणी उपाकर्म व राखी बांधने के समय को लेकर संशय की स्थिति निर्मित हो रही थी। लोगों को यह समझ नहीं आ रहा था कि राखी 30 अगस्त को मनाएं या 31 अगस्त को।
इसमें श्रावणी उपाकर्म सुबह 10.59 के बाद तथा राखी बांधने का समय रात 9 बजकर दो मिनट के बाद का निर्धारित किया गया। काशी विद्वत्परिषद की बैठक में भी यही निर्णय लिया गया है। बैठक में डा.केदार नाथ शुक्ल, डा.बालकृष्ण शर्मा, पं.वासुदेव शास्त्री, पं.नारायण उपाध्याय, डा.केदारनारायण जोशी, डा.राजेंद्रप्रकाश गुप्त, डा.संतोष पंडया, डा.सदानंद त्रिपाठी मौजूद थे।