कटनी। शहर में साफ सफाई को लेकर भले ही चाहे जितने दावे किए गए हों, पर इन दावों की हकीकत इसमें लगे सफाई कर्मी ज्यादा अच्छे से बता सकते हैं। कारण है, जिस कम्पनी एमएसडब्ल्यू को सफाई का ठेका दिया गया, उसके कर्मचारियों को पिछले 2 माह से पगार तक नहीं मिली। अब सोचिये करोड़ों रुपये एमएसडब्ल्यू को भुगतान किया जा रहा है और तो और कम्पनी जल्द ही कटनी के कचरा से बिजली बना कर कमाई भी करने जा रही है, वह कम्पनी अपने कर्मचारियों को समय पर पगार तक नहीं दे पा रही।
कचरा उठाकर कम्पनी के दोनों हाथ में लड्डू, कर्मचारियों को नहीं मिली 2 माह से तन्ख्वाह
जो कर्मचारियों का नहीं, वो शहर का क्या होगा
साफ है, जो अपने कर्मचारियों के लिए संवेदनशील नहीं वो भला शहर की सफाई के लिए कितनी संजीदा होगी, यह किसी से छिपा नहीं है। बहरहाल 2 महीने से तन्ख्वाह नहीं मिलने के कारण आज एमएसडब्ल्यू के कर्मचारियों का गुस्सा फिर से फूट पड़ा और कर्मचारियों ने काम बन्द कर दिया। कम्पनी के दफ्तर में सुबह 7 बजे इकट्ठे हुए कर्मचारियों ने यहां जम कर हंगामा मचाया।
कभी भी समय पर नहीं मिलती पगार
करीब 200 कर्मचारियो ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि कम्पनी कभी भी कर्मचारियों को भुगतान समय पर नहीं करती। जबकि वह प्रति माह नगर निगम से लाखों रुपये का भुगतान प्राप्त कर रही है और पूरा पैसा कम्पनी के हेड आफिस भेज दिया जाता है।
कर्मचारियों से अनुचित व्यवहार का आरोप
यहां कम्पनी के पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों से ठीक व्यवहार तक नहीं करते। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि अगर प्रतिमाह पगार समय पर नहीं मिली तो वह काम बंद कर देंगे।
नगर निगम असहाय, जनप्रतिनिधि चुप
इधर कर्मचारियों की आये दिन होती हड़ताल के बाद नगर निगम भी असहाय सा है। हालांकि कर्मचारी सुबह सुबह महापौर शशांक श्रीवास्तव के घर भी पहुंचे पर यहां उन्हें मिला तो सिर्फ आश्वासन शहर में कचरा एकत्रित कर उससे पैसा कमा कर एमएसडब्ल्यू फिलहाल दोनों हाथ मे लड्डू लिए हुए है औऱ नगर निगम उस पर पैसा लुटा कर खुश नजर आ रहा है। खास बात यह है कि इस मामले में न तो सत्ता पक्ष का ध्यान है न ही विपक्ष का नगर निगम के 45 पार्षद भी एमएसडब्ल्यू के नाम आते ही रहस्यमयी चुप्पी साध लेते हैं जिसके बाद साफ है कि कहीं न कहीं कम्पनी से उन्हें लाभ प्राप्त हो रहा है।
सिर्फ शहर तक सीमित सफाई
कम्पनी कचरा एकत्रित करने के लिए लाउड स्पीकर लगी गाड़ियां दौड़ाती है लेकिन यह दौड़ती गाड़िया सिर्फ शहर के पाश इलाकों तक सीमित है। अंदरूनी क्षेत्रों में कोई साफ सफाई दिखाई नहीं देती।