मध्यप्रदेश
हाईकोर्ट का आदेश: कर्मचारी को टाइपिंग परीक्षा पास करते ही मिलेगा इंक्रीमेंट

जबलपुर। शासन के नियमानुसार सहायक ग्रेड-3 शासकीय कर्मचारीगण को सेवा मे आने के बाद हिन्दी मुद्रलेखन परीक्षा उत्तीर्ण करने के एक वर्ष बाद वार्षिक वेतन वृद्धि दिये जाने के फलस्वरूप अजीत गोयल उप प्रशासनिक अधिकारी जिला न्यायालय, धार (मप्र) एवं चार अन्य साथी कर्मचारीगण (न्याय विभाग) द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में श्री अमित चतुर्वेदी अधिवक्ता द्वारा रिट पीटिशन लगाई गई।
उक्त रिट पीटिशन मे हिंदी मुद्रलेखन परीक्षा उत्तीर्ण किये जाने की दिनांक से ही वार्षिक वेतन वृद्धि का आदेश पारित किया गया।
उल्लेखनीय है कि पूर्व जिला जज सक्षम अधिकारी के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत कर, हिंदी टायपिंग पास करने की दिनाँक से नियमित इंक्रीमेंट की मांग की गई थी।
परन्तु उनके द्वारा अभ्यावेदन निरस्त कर दिया गया था। उपरोक्त आदेश को माननीय उच्च न्यायालय की डबल बेंच में चुनौती गई थी।
उच्च न्यायालय जबलपुर के अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी द्वारा युगलपीठ को बहस के दौरान बताया गया कि जिला जज का आदेश हाई कोर्ट की फुल बेंच के निर्णय के अनुरूप नही है बिना किसी कारण का उल्लेख किए बिना, कर्मचारियों का आवेदन अमान्य करना विधि विरुद्ध है।
हाई कोर्ट ने अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी के तर्कों से सहमत होते हुए, जिला जज के आदेश को अपास्त करते हुए, याचिकाकर्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए, हिंदी टाइपिंग पास करने की तिथि से नियमित वेतन वृद्धि देने का आदेश पारित किया है।
आदेश का पालन दो माह के अंदर करना होगा। कर्मचारियों को पूर्व में हिंदी टाइपिंग पास करने के एक साल बाद से नियमित वेतन वृद्धि मिल रही थी।