भोपाल। मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले जाति संग्राम छिड़ गया है. सवर्णों के आंदोलन के बाद अब अजाक्स 23 सितंबर को भोपाल में अपनी रणनीति तय करेगा. अजाक्स ने सवर्ण प्रत्याशी के ख़िलाफ वोटिंग का एलान भी कर दिया है. उसने ये साफ कह दिया है कि एट्रोसिटी एक्ट की मुख़ालफत करने वालों का विरोध किया जाएगा.
विधानसभा चुनाव से पहले हर दिन बदल रहे हालातों के बीच अब सपाक्स बनाम अजाक्स के बीच जंग छिड़ गई है. अजाक्स ने कहा है कि राज्य का 52 फीसदी ओबीसी वर्ग उनके साथ है.
एट्रोसिटी एक्ट का विरोध करने वालों के ख़िलाफ वोट की अपील की जाएगी. आरक्षण का विरोध करने वाले जाति और समाज के प्रत्याशियों के पक्ष में वोट नहीं डाले जाएंगे. सरकार से मांग की जाएगी कि एससी-एसटी एक्ट को ज्यों का त्यों रखते हुए प्रमोशन में आरक्षण, ओबीसी वर्ग को 52 फीसदी आरक्षण और बैकलॉग पदों भरने की मांग की जाएगी.
इससे पहले सपाक्स के संरक्षक हीरालाल त्रिवेदी ने मुख्य सचिव बी पी सिंह को पत्र लिखकर एक अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव सहित 4 अफसरों पर सामान्य जाति के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है. इस पर खासा बवाल उठ खड़ा हुआ. सपाक्स का कहना है सामान्य जाति के अफसरों को परेशान करने के साथ ही प्रदेश में आरक्षित वर्ग की जातियों के नाम पर कुछ संगठन माहौल बिगाड़ रहे हैं.
मध्य प्रदेश में अगड़े-पिछड़े की लड़ाई में एक तरफ सपाक्स के झंडे के नीचे सामान्य,पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग आ जुटा है. इसने राजनैतिक दलों की चिंता को बढ़ा रखी है. अजाक्स तो पहले से ही मैदान में था. सबसे बड़ी लड़ाई 52 फीसदी आबादी वाले पिछड़ा वर्ग को लेकर है. जिसके साथ खड़ा होने का दावा सभी संगठन कर रहे हैं. लेकिन चुनाव से पहले तेज़ी से बदल रहे माहौल से निपटना बीजेपी और कांग्रेस के लिए चुनौती बनता दिख रहा है.